हरिनगर घटना की हो उच्चस्तरीय जाच : डॉ. प्रेम
औरंगाबाद। बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता डा. प्रेम कुमार ने तरार टोला हरिनगर की अग्निक
औरंगाबाद। बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता डा. प्रेम कुमार ने तरार टोला हरिनगर की अग्निकाड की उच्चस्तरीय जाच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की माग की है। रविवार को पीड़ितों से मुलाकात करने के बाद पुराना शहर स्थित चिंटू मिश्रा के आवास पर उन्होंने प्रेस वार्ता कर उक्त बातें कही। आरोप लगाया कि सरकार का आपदा प्रबंधन पूरी तरह फेल है। कहीं भी इनका दमकल समय पर नहीं पहुंचता। दिखावे के लिए अग्नि सेवा एवं आपदा प्रबंधन है। कहीं गाड़ी है तो चालक नहीं हैं, जहा दोनों है तो पानी का अभाव है। कहा कि आजादी के 68 साल बाद भी गावों का विकास नहीं हुआ। घर फूस के बने हुए हैं, अंधविश्वास कायम है। कहा कि 55 वर्षो तक कांग्रेस फिर लालू, नीतीश रहे लेकिन गरीबों का कल्याण नहीं हो सका। सरकार हर मोर्चे पर विफल है। प्रशासन की लापरवाही है कि जिला प्रशासन को मालूम नहीं है कि पीड़ित परिवार का नाम बीपीएल में है या नहीं। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का निर्देश बिजली पहुंचाना है लेकिन सरकार इसमें सचेत नहीं है। इनका सात निश्चय भी फेल है। हर घर को नल देने की बात करते हैं लेकिन 10 जिलों में जल संकट है। नल से जल की योजना बीस साल में भी पूरी नहीं होगी। पटना में भी संकट है। केंद्र सरकार ने 24 शहरों में अमृत जल योजना लागू की है जिसके तहत 300 करोड़ रुपये दिया है परंतु काम नहीं हो रहा है। सासद सुशील कुमार सिंह ने कहा कि सरकार कभी समीक्षा नहीं करती। गोह विधायक मनोज कुमार ने कहा कि सरकार पुराने तालाबों, आहर, पइन की उड़ाही कराकर उसे प्राकृतिक रूप में लाए तो राहत मिल सकती है। भाजपा के प्रदेश महामंत्री सुधीर कुमार शर्मा ने प्रशासनिक निष्क्रियता एवं संवेदनहीनता का आरोप लगाया। जिला अध्यक्ष पुरूषोतम सिंह, विधानसभा चुनाव में एनडीए प्रत्यासी चंद्रभूषण वर्मा, प्रखंड अध्यक्ष अश्रि्वनी तिवारी , भाजयुमों प्रखंड अध्यक्ष विजय कुमार, विवेकानद मिश्रा, चिंटू मिश्रा, धीरज पाठक, कोषाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह उपस्थित रहे।
बीपीएल बिना अग्निपीड़ितों को मिले आवास : सुशील
दाउदनगर (औरंगाबाद) : औरंगाबाद सासद सुशील कुमार सिंह ने कहा कि अग्निकाडों जैसे आपदाओं में पीड़ित परिवार को इंदिरा आवास का लाभ मिलन चाहिए। भले ही वह बीपीएल सूची में शामिल परिवार हो या न हो। कहा कि फिलहाल प्रावधान है कि स्कोर जंप कर बीपीएल परिवार को शीघ्र इंदिरा आवास मिलता है। इससे उन परिवारों की मुश्किल होती है जिनका नाम सूची में नहीं होता, जबकि वे गरीब होते हैं। उदाहरण दिया कि कोसी बाढ़ के वक्त ध्वस्त सभी घरों को आवास के लिए डेढ़-डेढ़ लाख दिया गया था। ऐसा ही प्रावधान हरिनगर काडों के मामले में भी होना चाहिए।