अवारा कुत्तों के संख्या पर रोक नहीं
औरंगाबाद। शहर से लेकर गांव तक अवारा कुत्तों का आतंक जारी है। कुत्ते की झूंड देख को
औरंगाबाद। शहर से लेकर गांव तक अवारा कुत्तों का आतंक जारी है। कुत्ते की झूंड देख कोई भी डर जाता है। आतंक का यह आलम यह है कि शहर के कई मुहल्लों में लोग भयभीत रहते हैं। कुत्ते के भय से अपने बच्चों को घर से बाहर नहीं निकलने देते हैं। सदर अस्पताल में मंगलवार को भी एंटी रैबीज वैक्सीन लेने बच्चे पहुंचे थे। सदर प्रखंड के उंथू गांव निवासी पंकज पासवान का पांच वर्षीय पुत्र गुलशन कुमार घर के बाहर खेल रहा था कि कुत्ते ने काट लिया। सूई लेने अस्पताल पहुंचा था। देव प्रखंड के बालूगंज से धर्मेद्र मेहता के छह वर्षीय पुत्र को कुत्ते ने काट लिया। बच्चों के साथ खेल रहा था तभी कुत्ते ने काट लिया।
रोज होते हैं लोग शिकार : ऐसे कई मामले में रोज अस्पताल में पहुंचते हैं। देव के भवानीपुर निवासी नीरज कुमार एवं नरसिंहा गांव के गौतम कुमार को भी कुत्ते ने काटा था। गौतम साइकिल से घर जा रहा था कि कुत्ते ने काट लिया। दोनों सूई लेने अस्पताल पहुंचे थे। पीड़ित की माने तो गांवों में अवारा कुत्ते 15-20 संख्या में झुंड बनाकर चलते हैं। कुत्ते का आतंक दिन प्रतिदिन भयावह होता जा रहा है।
हर अस्पताल में नही है वैक्सीन उपलब्ध : रेफरल अस्पताल या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एंटी रैबीज वैक्सीन नहीं रहता है। मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। चिकित्सकों की माने तो कुत्ता के काटने से मनुष्य के शरीर में रैबीज नामक संक्रमण फैलने लगता है जिससे बचाव के लिए व्यक्ति को एंटी रैबीज वैक्सीन इंजेक्शन लगाना पड़ता है। जो लोग लापरवाही बरतते हैं उन्हें मौत का शिकार होना पड़ता है।
सदर अस्पताल में उपलब्ध है वैक्सीन : सदर अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन उपलब्ध है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. मिथिलेश कुमार सिंह ने बताया कि वर्तमान में 22,800 वैक्सीन उपलब्ध है। जिले में कुल 12 वैक्सीन सेंटर है जहां सहजता से वैक्सीन उपलब्ध है। प्रतिदिन 45 से 50 मरीज वैक्सीन लेने आते हैं। दाउदनगर अनुमंडलीय अस्पताल में 15 वैक्सीन उपलब्ध है। रेफरल अस्पताल नवीनगर, कुटुंबा एवं हसपुरा में एंटी रैबीज वैक्सीन नहीं है। यहीं हाल अन्य स्वास्थ्य केंद्रों का है।
कहते हैं सीएस : सिविल सर्जन डा. रामप्रताप सिंह ने बताया कि एंटी रैबीज वैक्सीन की कमी नहीं है। सदर अस्पताल में उपलब्ध है। रेफरल एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी उपलब्ध कराया जाएगा। कुछ लोग बेवजह वैक्सीन लगाने अस्पताल पहुंचते हैं। बताया कि कुत्ता के काटने पर ही वैक्सीन लगाएं।