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बड़ा मशहूर है चट्टी में शहर दाउदनगर

औरंगाबाद । किसी जमाने में चट्टी के रुप में दाउदनगर मशहूर स्थान रहा है। औरंगजेब के सिपहस

By Edited By: Published: Fri, 20 May 2016 08:58 PM (IST)Updated: Fri, 20 May 2016 08:58 PM (IST)
बड़ा मशहूर है चट्टी में शहर दाउदनगर

औरंगाबाद । किसी जमाने में चट्टी के रुप में दाउदनगर मशहूर स्थान रहा है। औरंगजेब के सिपहसालार दाउद खा ने इस शहर को 17वीं सदी में बसाया था। सन 1662 से 1672 तक किला का निर्माण कराया गया था। इसलिए नाम दाउदनगर है। यहा की पूरी संस्कृति ही श्रमण है, यानि श्रमिकों की संस्कृति है। हर गली, मुहल्ले की हालत एक सी है। यहा की बसावट, उनका पेशा, उनकी जीवन शैली, उनके व्यवहार पूरी तरह श्रमिकों की है। यहा की आबादी मूल नहीं है, या तो 17वीं सदी में दाउद खा ने बुलाकर बसाया है या फिर कालातर में रोजगार की तलाश में कहीं से आए और फिर यहीं के हो कर रह गए। श्रमण संस्कृति का वाहक - दाउदनगर पुस्तक के अनुसार - जितनी जातिया, और जातियों के नाम पर मुहल्लों के नाम हैं, उतना शायद ही किसी दूसरे कस्बे में आपको मिलेगा। शहरी क्षेत्र में न्यूनतम 44 मुहल्ले हैं। मौलाबाग, ब्लाक कालोनी, न्यू एरिया, अफीम कोठी, चुड़ी बाजार, कांदू राम की गड़ही, पाडेय टोली, गड़ेरी टोली, खत्री टोला, मल्लाह टोली, चमर टोली, पटवा टोली, दबगर टोली, ब्राह्माण टोली, कुम्हार टोली, नाई टोली, लोहार टोली, महाबीर चबूतरा, यादव टोली, डोम टोली, कसाई मुहल्ला, नालबंद टोली, कुर्मी टोला, दुसाध टोली, इमृत बिगहा, बुधु बिगहा, रामनगर, अनूप बिगहा, रामनगर, नोनिया बिगहा, माली टोला, जाट टोली और बालूगंज। इन मुहल्लों में शामिल सभी जाति सूचक मुहल्ले पुरातन हैं। एक ही नाम के यहा दो-दो, तीन-तीन मुहल्ले भी हैं। व्यक्ति के नाम सूचक और अन्य नाम नगरपालिका के विस्तार के साथ जुड़े इलाकों के नाम हैं। सोनार पट्टी जैसे मुहल्ला का नाम तारीख-ए-दाउदिया में हैं, जो अब लापता हो गए। यहा श्रम करने वाली जातियों ने अपना समाज गढ़ा। अपनी साझा संस्कृति बनाई। इस लोक संस्कृति के मूल में है जिउतिया - दाउदनगर के जिउतिया जिउ (हृदय) के साथ हई गे साजन। यह श्रम से उपजी हुई संस्कृति है।

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फैक्ट लाइन -

शहर में हैं 23 वार्ड

2011 की जनगणना के अनुसार शहर की आबादी 52364 है। पुरुष की आबादी 52 फीसदी 27229 और महिला आबादी 48 प्रतिशत 25134 है। 71 प्रतिशत पुरुष साक्षरता और 61 प्रतिशत महिला साक्षरता के साथ 66 फीसदी की औसत साक्षरता दर है। कुल जनसंख्या के 18 फीसदी आबादी की उम्र छह वर्ष से कम है। यहा 86 प्रतिशत हिंदू और 14 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है। शहर आक्षाश 25.03 डिग्री (उत्तर) और देशातर 84.4 डिग्री (पूरब) में स्थित है। समुद्र तल से यह शहर 84 मीटर यानि 275 फुट की औसत उंचाई पर बसा हुआ है। टाईम जोन है - आईएसटी (यूटीसी़ 5:30)। राष्ट्रीय राजमार्ग 98 शहर से होकर गुजरता है।


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