Move to Jagran APP

जर्जर सड़क से कैसे होगा नक्सल पर नियंत्रण

औरंगाबाद । नक्सल प्रभावित देव प्रखंड की सड़कों की हालात बद से बदतर है। देव केताकी, देव कंचनपुर एवं दे

By Edited By: Published: Fri, 03 Jul 2015 08:27 PM (IST)Updated: Fri, 03 Jul 2015 08:27 PM (IST)
जर्जर सड़क से कैसे होगा नक्सल पर नियंत्रण

औरंगाबाद । नक्सल प्रभावित देव प्रखंड की सड़कों की हालात बद से बदतर है। देव केताकी, देव कंचनपुर एवं देव बालूगंज सड़क गड्ढों में तब्दील है। तीनों ही सड़कें सैकड़ों गांवों के ग्रामीणों के आवागमन एवं नक्सल पर नियंत्रण को महत्वपूर्ण है। सड़कों से कई बाजारों जुड़े हैं और सुदूर इलाकों के लिए लाइफ लाइन मानी जाती है। बालूगंज पथ से ही पुलिस जवान ढिबरा थाना एवं भलुआही सीआरपीएफ कैंप को आते जाते हैं। तीनों सड़कों पर कई यात्री वाहनों का परिचालन होता है। गड्ढों में यात्रियों से लदे वाहन के जाने से दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है। साइकल चलाना भी मुश्किल हो गया है। तीनों सड़कों से प्रत्येक दिन नक्सलियों के खिलाफ छापामारी अभियान में जवान जाते हैं। जर्जर सड़क नक्सलियों के लिए सहायक सिद्ध होती है। बालूगंज पथ के बरंडा मोड़ पर नक्सलियों ने बारुदी सुरंग लगाकर सीआरपीएफ जवानों की हत्या कर चुके हैं तब इस सड़क को बनाने की जोरदार मांग उठी थी। सीआरपीएफ के अधिकारी डीएम एवं एसपी से मिलकर सड़क को बनाने की मांग की थी परंतु अब तक सड़क नहीं बन सका है। जिला पार्षद मनोरमा देवी ने बताया कि सड़कों को बनाने के प्रति जनप्रतिनिधि गंभीर नहीं हैं। विभागीय अधिकारी भी उदासीन हैं। चुनाव के समय इसी सड़क से वोट मांगने नेता गांवों में जाते हैं पर सड़क नहीं बनाते हैं। आरइओ के कार्यपालक अभियंता जयमंगल दास ने बताया कि सड़कों के मरम्मत का कोई फंड नहीं आया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.