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ई-गवर्नेंस व कैशलेस इकोनॉमी से आगे बढ़ेगा देश: सौरभ

अररिया। ई-गवर्नेंस व डेंवलपमेंट को तकनीक की इनपुट से ही भारत का सही व सतत विकास होगा।

By Edited By: Published: Tue, 24 Jan 2017 03:02 AM (IST)Updated: Tue, 24 Jan 2017 03:02 AM (IST)
ई-गवर्नेंस व कैशलेस इकोनॉमी से आगे बढ़ेगा देश: सौरभ
ई-गवर्नेंस व कैशलेस इकोनॉमी से आगे बढ़ेगा देश: सौरभ

अररिया। ई-गवर्नेंस व डेंवलपमेंट को तकनीक की इनपुट से ही भारत का सही व सतत विकास होगा। यह कहना है भारत सरकार के संचार व आइटी मंत्रालय में पदस्थापित भारासे के वरिष्ठ अधिकारी सौरभ कुमार का। माइक्रोसाफ्ट कंपनी के संस्थापक व विश्व के सर्वाधिक धनी शख्स में शुमार बिल गेट्स से मिली सराहना के बाद सौरभ इन दिनों खूब चर्चा में हैं। वे अररिया के हरिपुर गांव के रहने वाले हैं।

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बिल गेट्स से मुलाकात के बारे में उन्होंने बताया कि उनसे केंद्र सरकार द्वारा डिजिटल इंडिया के प्रकल्प पर सार्थक बात हुई। गौरतलब है कि बिल गेट्स पहले से ही बिहार के खगड़िया सहित भारत में निस्वार्थ सेवा के कई प्रकल्प चला रहे हैं। श्री गेट्स ने उन्हें बताया कि भारत में स्वास्थ्य, कृषि व इकोनॉमी को टेक्नोलॉजी के साथ जोड़ कर देश से गरीबी व अजागरुकता से निजात पाया जा सकता है। बिल गेट्स ने इन बातों को डिजिटल इंडिया में शामिल करने की सलाह दी और कहा कि खेती को तकनीक से जोड़ कर उन्नत बनाया जा सकता है।

सौरभ के अनुसार सरकार द्वारा लागू की जा रही ई-मंडी व मोबाइल एप्प जैसे साफ्टवेयर से किसानों को भरपूर मदद मिल सकती है। आने वाले वक्त में किसानों के खेत का रकबा, स्वायल टाइप, मिट्टी की सेहत आदि को तकनीक से जोड़ कर कृषि-क्षेत्र को बढ़ावा दिया जाएगा। इसी तरह स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी तकनीकी का प्रयोग क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। श्री सौरभ ने बताया कि आने वाले वक्त में टेली मेडिसिन व टेली कांफ्रें¨सग के माध्यम से समाज के गरीब लोगों को स्वास्थ्य संबंधी मदद पहुंचाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि देश को भ्रष्टाचार व काला धन से मुक्त करवाने के लिए कैशलेस इकोनॉमी की तरफ ले जाना बहुत आवश्यक है। इससे न केवल भ्रष्टाचार कम होगा बल्कि घर में कैश रखने, उसके जल जाने तथा चोरी हो जाने जैसी कई झंझटों से भी निजात मिल सकेगी और गरीबों का पैसा बरबादी से बचेगा।

बिल गेट्स से अपनी भेंट के बारे में श्री सौरभ ने बताया कि उनके जैसी महान शख्सियत से मिलने की तमन्ना बचपन से ही थी। अब डिजिटल इंडिया के लिए काम करने के दौरान उनसे मिली सराहना संतोष व गौरव की बात है। जागरण से बातचीत के दौरान उन्होंने अररिया जैसी जगहों के प्राचीन इतिहास, विरासत व संस्कृति के संरक्षण की जरूरत पर भी बल दिया।


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