गरीबों व नि:सहाय को मुफ्त कानूनी सलाह देते हैं ताहा
अररिया। समाज के गरीब, वंचित एवं नि:सहाय को मुफ्त कानूनी सलाह देने वाले मो. ताहा आज किसी पि
अररिया। समाज के गरीब, वंचित एवं नि:सहाय को मुफ्त कानूनी सलाह देने वाले मो. ताहा आज किसी परिचय के मोहताज नही है। आज अपने बेहतर कार्य एवं नि:स्वार्थ सेवा को लेकर अपनी एक अलग पहचान बनाई है। अररिया प्रखंड के बैरगाछी के रहने वाले मो. ताहा ने बीए, एलएलबी करने के बाद अररिया में पिछले पचास वर्षों से वकालत कर रहे हैं। 1963 ई. में वकालत शुरू की। 1988 ई. में वे अररिया बार एसोसिएशन के अध्यक्ष चुने गए। प्रेक्टिश के पचास वर्ष पूरा होने पर 2015 ई. में पूर्णिया के कला भवन में पटना उच्च न्यायालय के माननीय चिफ जस्टिस इकबाल अंसारी द्वारा सम्मानित किया गया। मो. ताहा अच्छे अधिवक्ता के साथ कई सामाजिक संस्था से भी जुड़े हैं। रेडक्रास अररिया के कई वर्षो तक उपाध्यक्ष रह चुके हैं। वे लाइंस क्लब अररिया के भी अध्यक्ष रह चुके है। जिला बनाने के आंदोलन में सक्रिय रहे है। शिक्षा प्राप्त करने के बाद आजाद अकादमी में संस्थापक शिक्षक के रूप में काम किया है। मिल्लिया कॉलेज की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। राजनीति में पिछले 60 वर्षों से कांग्रेस से जुड़े हैं। उर्दू भाषा को दूसरी सरकारी जुबान बनाने की तहरीक में बढ़चढ़ कर भाग लिया। वे विभिन्न संस्थाओं से भी जुड़े रहे। जैसे भारतीय क्षेत्रीय पत्रकारिता संघ नई दिल्ली, श्याम सुंदर सावित्री कल्याण संस्था अररिया, माडर्न स्पोर्टस क्लब, साहित्य सिन्धू सम्मान अखिल भारतीय भाषा साहित्य सम्मेलन भोपाल, रेणु सांस्कृतिक मंच से जुड़े रहे एवं सम्मानित भी किए गए। वरिष्ठ अधिवक्ता सह समाज सेवी मो. ताहा बाद में शायरी भी करने लगे। इसीलिए अपना तखल्लुस खामोश रख लिया। बड़ी खामोशी के साथ शायरी की दुनियां में भी अपनी अच्छी पहचान बनाई।