टुटे पुल व जर्जर सड़कें बनी सिकटी की पहचान
अररिया। एक तरफ सिकटी प्रखंड को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली महत्वपूर्ण एबीएम सिकटी पथ की वर्षो से दु
अररिया। एक तरफ सिकटी प्रखंड को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली महत्वपूर्ण एबीएम सिकटी पथ की वर्षो से दुर्दशा पर राजनेताओं की उदासीनता इस इलाके का दुर्भाग्य रही ही है। वहीं ग्रामीण पथों की दुर्दशा भी विकास के दावे की पोल खोल रही है। टूटे पुल व जर्जर सड़कें सिकटी प्रखंड की पहचान बन कर रह गयी हैं। एबीएम सिकटी पथ की अगर बात करें तो करीब विगत दस पंद्रह वर्षों से इस सड़क पर निर्बाध आवागमन नही हो पाया है जिसके कारण सिकटी प्रखंड के समुचित विकास में बड़ी बाधा रही है। जिला मुख्यालय से सीधे संपर्क नही होने के कारण लोगों को हमेशा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। एक तरफ रोजमर्रा के सभी सामानों के बढ़े भाव का बोझ आमजन को ही ढोना पड़ता रहा है। वहीं सीधे सड़क सुविधा के अभाव के कारण किसानों के फसल का सही भाव नही मिल पाता है। जिसके चलते किसानों की दशा आज तक नही सुधर पायी है। इस सड़क में बैरगाछी, फरासुत, बीड़ी एवं रानी पुल की समस्या जगजाहिर है। बेमौसम हल्की बारिश ने बीड़ी पुल के डायवर्जन में पैदल पार कर पाना भी मुश्किल कर दिया है। सभी ग्रामीण सड़कों की हालत भी दयनीय है। डेढ़आ के मनोहर मिश्रा कहते हैं कि रानी पुल पर कई वर्षों से आवागमन बाधित रहा है। पुल पूरी तरह से बह जाने के बाद तो बरसात में नाव और अब चचरी का सहारा ही है। वहीं, बरदाहा के परवेज आलम की मानें तो यहां के बाजार का विकास नही होने का मुख्य कारण एबीएम सड़क है। भूताहा के अवधेश मंडल कहते हैं कि यहां के बाजार मे सभी चीजों का भाव आसमान पर रहता है जिसका खामियाजा आमजन भोगते हैं। प्रकाश मंडल फुटानी चौक एवं सिकटी के रविन्द्र कुमार आक्रोशित भाव से कहते हैं कि हमेशा इस इलाके मे जिन्हे वोट मिला उन्होंने केवल आश्वासन दिया।