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जल्द दिखेगी जिले में मॉडल स्कूलों की झलक: डीएम

अररिया। जिले के सभी प्रखंडों में केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर मॉडल स्कूल खोले जाने हैं। जो आधुनिक सं

By Edited By: Published: Tue, 24 Nov 2015 08:11 PM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2015 08:11 PM (IST)
जल्द दिखेगी जिले में मॉडल स्कूलों की झलक: डीएम

अररिया। जिले के सभी प्रखंडों में केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर मॉडल स्कूल खोले जाने हैं। जो आधुनिक संसाधनों से लैस होने के साथ ही यहां शिक्षारत्त बच्चों को बेहतर व गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा दी जाएगी। जिसकी प्रक्रिया अभी चल रही है। लेकिन कई तरह की तकनीकि समस्याओं व जमीन की अनुपलब्धता की वजह से मॉडल स्कूल के निर्माण व उसके संचालन में अभी लम्बा वक्त लग सकता है। ये बातें शिक्षा विभाग के निगरानी समिति की बैठक के दौरान विभागीय अधिकारियों द्वारा बताई गई है। इस पर जिलाधिकारी हिमांशु शर्मा ने कहा कि मॉडल स्कूल के निर्माण कार्य पूरा किए जाने से पूर्व भी उसकी वैकल्पिक व्यवस्था की जा सकती है। जिसके तहत जिले में जल्द ही मॉडल स्कूल की झलक देखने को मिलेगी। साथ ही साथ मॉडल स्कूल एवं मध्य विद्यालय से उच्च विद्यालय में उत्क्रमित किए गए स्कूलों के निर्माण कार्य भी जारी रहेगा। जहां तक मॉडल स्कूल के निर्माण में विलंब का सवाल है तो इसके लिए क्षेत्र में बेहतर स्कूलों को चयन कर उसे मॉडल स्कूल की तर्ज पर ही संचालित किया जाएगा। जिससे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के साथ ही हर तरह के बेहतर संसाधन भी मुहैया कराए जा सकें और पूरी तरह से मॉडल स्कूल के मानक के अनुरुप संचालित हों। वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने छह माह के अंदर क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था की तस्वीर बदलने का भरोसा भी समिति के सदस्यों को दिलाया है।

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योजनाओं को पूरा नहीं करने वाले एचएम नपेंगे

जिले में अब भी एक सौ से अधिक विद्यालयों का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है। जिसकी संख्या करीब 120 है। इस पर डीएम श्री शर्मा ने एक माह के अंदर अधूरे पड़े विद्यालय निर्माण का कार्य पूरा करवाने का निर्देश देते हुए कहा कि अगर समय पर निर्माण कार्य पूरा नहीं किया गया तो संबंधित विद्यालय के विद्यालस प्रधान पर विभागीय कार्रवाई करें। इस पर विभाग के अधिकारी ने बताया कि ऐसे विद्यालय प्रधान को तीन दिनों के भीतर भवन निर्माण कार्य शुरु करवाने के लिए आखिरी चेतावनी दे दी गई है।

50 फीसद से अधिक बच्चों को नहीं मिली है किताबें

जिले के 50 फीसद से अधिक स्कूली बच्चों को किताबें उपलब्ध नहीं कराई जा सकी है। जबकि अब सत्र खत्म होने में महज चार महिने का वक्त है। इस सवाल के जबाव में डीईओ ने बताया कि कभी कभी पटना से किताब आने में काफी लंबा समय लग जाता है जिसकी वजह से कुछ बच्चों को किताबें नहीं दी जा सकी है। लेकिन विभाग लगा हुआ है जल्द ही बच्चों को किताब की आपूर्ति कर दी जाएगी।

कोड मिलने पर निजी स्कूलों से भी भरे जा सकेंगे फार्म

जिले में चल रहे उच्चतर माध्यमिक प्राईवेट स्कूलों व कॉलेजों से इंटर की परीक्षा में शामिल होने के लिए भरे जाने वाले फार्म पर शिक्षा विभाग द्वारा रोक लगा दी गई है। साथ ही उसे परीक्षा में भी शामिल होने नहीं दिया जाने के उठे मसले पर जानकारी देते हुए शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इसके लिए निजी स्कूलों को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से कोड प्राप्त करना होता है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से कोड मिलने पर निजी स्कूलों में शिक्षारत्त बच्चे भी इंटर व मैट्रिक की परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।


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