ग्रास रुट पर करें शिक्षा के स्तर में सुधार : सांसद
अररिया। सरकार की ओर से शिक्षा के क्षेत्र में विकास के लिए प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों को
अररिया। सरकार की ओर से शिक्षा के क्षेत्र में विकास के लिए प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों को संसाधन से लैस किए जाने की योजनाएं चलाई जा रही है, लेकिन अभी भी क्षेत्र में शिक्षा का स्तर नहीं बढ़ा है। शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक विकास लाने के लिए जिले में ग्रास रुट पर शिक्षा का स्तर सुधारने की आवश्यकता है। इसके लिए स्कूलों में शिक्षकों की निगरानी बढ़ाए जाने के साथ ही शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्ट्राचार को खत्म करने की जरुरत है। प्रखंडों में शिक्षा विभाग के अधिकारी व शिक्षकों के गठजोड़ से शिक्षा पूरी तरह प्रभावित हो रही है। जिस पर पूरी तरह से अंकुश लगाए जाएं। तभी शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि संभव हो सकेगा। ये बातें मंगलवार को सांसद तस्लीमुददीन ने शिक्षा विभाग की निगरानी समिति की बैठक में कही। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़े इलाकों के लोगों में शिक्षा के प्रति जागरुकता लाते हुए विद्याल भवनों के निर्माण में आ रही अड़चनों के मसले को स्थानीय लोगों की मदद से ही सुलझा लें। जिससे जिले में बनने वाले स्कूलों में कोई बाधा उत्पन्न ना हो और समय पर विद्यालय भवन का निर्माण कार्य पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में कहीं भी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय, तालिमक मरकज एवं संस्कृत विद्यालयों की स्थति अच्छी नहीं है। उसे बेहतर बनाने के लिए विभाग को रणनीति तैयार करने के साथ ही उसकी नियमित मॉनीट¨रग करनी होगी। साथ ही हर पंचायत पर एक हाई स्कूल व प्रखंड स्तर पर एक आदर्श विद्यालय खोले जाने की दिशा में बेहतर कार्य करने की आवश्कयता है। इसके लिए जिलाधिकारी अपने स्तर से भी विभाग की मॉनीट¨रग करते हुए इस योजना को धरातल पर उतरवाएं। इस दौरान उन्होंने शिक्षा विभाग द्वारा क्षेत्र में चलाई जा रही योजनाओं व कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए जिले में चल रहे स्कूलों, शिक्षकों व बच्चों को उपलब्ध कराए गए संसाधन की भी जानकारी ली। इस मौके पर जोकीहाट विधायक सरफराज आलम, फारबिसगंज विधायक मंचन केसरी, रानीगंज विधायक अचमित ऋषिदेव व प्रतिनिधियों के अलावा जिला शिक्षा पदाधिकारी फैयाज्जुर रहमान, डीपीओ अब्दुर रज्जाक, मनोज कुमार, मो आसिफ दवै, सुभाष कुमार गुप्ता एवं मो आरिफ हुसैन सहित अन्य मौजूद थे।
- पूरी तरह लगेंगे शिक्षकों के प्रतिनियोजन पर ब्रेक
जिले में शिक्षा विभाग के खस्ता हाल की मुख्य वजह भ्रष्ट्राचार के साथ ही शिक्षकों का प्रतिनियोजन भी है। जिस पर पूरी तरह से ब्रेक लगाना जरुरी है। इसके लिए पूर्व से प्रतिनियोजन पर कार्य कर रहे शिक्षकों का प्रतिनियोजन समाप्त करते हुए उसे शिक्षण कार्य में लगाए जाने की अनुशंसा समिति के प्रतिनिधियों ने डीएम से की है। इस पर डीएम ने शिक्षकों के प्रतिनियोजन पूरी तरह खत्म करने का आश्वासन प्रतिनिधियों को दिया है। वहीं प्रतिनिधियों ने कहा कि अब भी विभाग की कई योजनाएं लंबित है जिसे पूरा किया जाना जरुरी है। तभी शिक्षा व्यवस्था को सु²ढ़ बनाया जा सकता है। साथ ही क्षेत्र में कस्तूबा विद्यालय को संसाधन उपलब्ध कराए जाने के साथ ही पर्याप्त संख्या में शिक्षकों की भी नियुक्ति की जाए। वहीं शहरी क्षेत्र से लेकर सुदूर ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में मानक के अनुरुप शिक्षकों को नियुक्त करें।
शिक्षा विभाग की कई योजनाएं हैं अधूरी
सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में विकास के लिए विभाग को राशि उपलब्ध कराए जाने के बाद भी कई योजनाएं अधूरी है। इसमें खास तौर पर हर पंचायतों में खोले जाने वाले हाई स्कूल के कार्य लंबित है। मध्य विद्यालय से उच्च विद्यालय में उत्क्रमित के लिए की गई 76 विद्यालयों की अनुशंसा पर महज 33 विद्यालयों को ही स्वीकृति दी गई है। मध्याह्न भोजना योजना 1908 स्कूलों में चलाए जाने है लेकिन वर्तमान में 58 स्कूलों में मध्याह्न भोजन बंद है। कई स्कूलों में गणित व विज्ञान विषय के शिक्षक नहीं है। वहीं यहां रिक्त पड़े शिक्षकों के 3730 पदो में महज 421 शिक्षकों का ही नियोजन किया गया है। जबकि रिक्त पड़े उदू के 1008 एवं बंगला के 35 शिक्षकों के पद पूरी तरह से रिक्त है।