आश्वासन के पुल पर नदी पार कर रहे हैं फेनावासी
अररिया [शत्रुघ्न]। आजादी के सात दशक बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों की तस्वीर नहीं बदल पाई है। केंद्र व राज
अररिया [शत्रुघ्न]। आजादी के सात दशक बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों की तस्वीर नहीं बदल पाई है। केंद्र व राज्य सरकार विकास के चाहे लाख दावे कर ले मगर गांव के लोग अब तक मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। प्रखंड के बथनाहा पंचायत के फेना गांववासी पिछले तीन दशक से सीताधार पर एक पुल के निर्माण की आस लगाये बैठे हैं। हालाकि इस क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने पुल निर्माण कराने का जो आश्वासन दिया, वह कोरा ही साबित हुआ। जनप्रतिनिधियों के कोरे आश्वासन से व्यथित ग्रामीण सदानन्द साह, दयाननद साह, उमेश साह, रामदेव मंडल, पूर्व उपमुखिया शोभा देवी आदि ने कहा कि झूठे आश्वासन से आजिज आकर हमलोंगो ने पिछले विधानसभा चुनाव के समय मतदान के बहिष्कार का निर्णय भी लिया था। मगर तत्कालीन भाजपा प्रत्याशी रहे वर्तमान विधायक पदम पराग राय वेणु एवं भाजपा नेताओं ने पूरी दृढ़ता के साथ भरोसा दिया कि भाजपा प्रत्याशी वेणु जी को जीताइये सीताधार पर जीतने के साथ ही पुल का निर्माण कराया जाएगा। वेणु जी विधायक बन गए और पांच साल भी बीत गए मगर पुल का निर्माण नहीं हो सका।
उल्लेखनीय है कि बथनाहा पंचायत के भटियाही एवं फेना गाव के बीच से बहने वाली सीताधार के कारण फेना एवं बेलाही गाव के लोग शेष पंचायत से साल के 4-5 महीना कट कर अलग-थलग पड़ जाते हैं। महज एक पुल के न होने के कारण गाव के लोग आज भी 20वीं सदी में जी रहे हैं। बरसात के मौसम में महज एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित बाजार आने के लिए 4 से 5 किमी की दूरी तय करना पड़ता है। बीमार लोगों को लाने ले जाने में तो और भी परेशानी होती है। ग्रामीण बताते हैं कि इस धार के ऊपर से पहले कोसी सिंचाई परियोजना का एक भीसी के सहारे लोग पैदल चलकर बाजार जाते थे। मगर 1987 के बाढ़ में यह भी ध्वस्त हो गया। जिससे इलाके के किसान सिंचाई की सुविधा से भी वंचित हो गए हैं। इधर सीताधार में पुल बनता ना देख इलाके के आक्रोशित नागरिक एक बार फिर जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ चुनाव के बहिष्कार का मूड बना रहे हैं।