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भूकंप: खूब दौड़ रहा आपदा प्रबंधन का कागजी घोड़ा!

प्रवीण गोविन्द,अररिया यह घोर आश्चर्य नहीं तो क्या है कि कोसी अंचल के अधिकाश लोगों को आपदा प्रबंधन

By Edited By: Published: Wed, 29 Apr 2015 08:34 PM (IST)Updated: Wed, 29 Apr 2015 08:34 PM (IST)
भूकंप: खूब दौड़ रहा आपदा प्रबंधन का कागजी घोड़ा!

प्रवीण गोविन्द,अररिया

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यह घोर आश्चर्य नहीं तो क्या है कि कोसी अंचल के अधिकाश लोगों को आपदा प्रबंधन का ककहरा तक मालूम नहीं है। बुधवार की सुबह जागरण द्वारा पड़ताल के क्रम में यह बात सामने आई। चाहे मुख्यालय के मोहम्मद आलमगीर हो या फिर पूजा देवी। नगर के ही शाहजहा हो या फारबिसंगज के चाय दुकानदार सचिन। नामों की लंबी फेहरिस्त है। किंतु, शायद ही किसी को आपदा प्रबंधन की जानकारी है। यह स्थिति तब है जब आपदा प्रबंधन के प्रचार प्रसार के नाम पर सरकार भारी धन राशि खर्च कर रही है। बाढ़ हो या भूकंप। आपदा प्रबंधन से बचाव के नाम पर कागजी घोड़े दौड़ाए जा रहे हैं।

सवाल-दर-सवाल

सीस्मिक मैप जोन ऑफ इंडिया में कोसी क्षेत्र को सर्वाधिक खतरनाक जोन पाच में रखा गया है। पड़ोसी देश नेपाल हो या पाकिस्तान या फिर अफगानिस्तान। भूकंप कहीं भी आए कोसी व सीमांचल का इलाका प्रभावित हुए बगैर नहीं रहता है। यहां तबाही तय है। किंतु, आपदा प्रबंधन विभाग के द्वारा लोगों को आपदा के समय बचाव के उपायों की जानकारी नहीं दिया जाना इसकी व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है। स्थिति यह है कि करोड़ों की आबादी को अगाह करने के लिए कोसी व सीमांचल के इलाके में मौसम विभाग का कार्यालय तक नहीं है।

कहते हैं लोग

आपदा प्रबंधन के बारे में पूछने पर सचिन कुमार, कामेश्वर पासवान, विपिन कुमार पाठक, अमित कुमार, नवनीत कुमार बिट्टु व गोविन्द माधव कहते हैं कि उनलोगों को इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। फारबिसगंज के सचिन ने बताया कि साल-दर-साल से देखते आया हूं कि भूकंप होने पर लोग घर से निकल पड़ते हैं। धरती डोलने पर हमलोग भी सपरिवार घर से बाहर आ जाते हैं। अररिया के आलमगीर, शाहजहा कहते हैं कि अल्लाह के आगे न तो किसी की चली है और ना चलेगी। गोविन्द माधव कहते हैं कि क्या करेंगे जानकारी लेकर। भगवान छठी के रोज ही आयु तय कर देते हैं। भूकंप आए या बाढ़ ईश्वर ने जो तय कर रखा है वहीं होगा। विज्ञान के इस तकदीर पर यह निर्भरता भी जिले के आपदा प्रबंधन विभाग की सार्थकता पर प्रश्न खड़े करता है।

बाक्स

कोसी अंचल में पूर्व में महसूस किए गए भूकंप के झटके

4 अक्टूबर, 1833

18 अक्टूबर, 1833

21 मई, 1842

21 मई, 1842

23 मई, 1866

7 अक्टूबर, 1920

2 जून, 1927

15 जनवरी, 1934

17 फरवरी, 1985

20 अगस्त, 1988

15 फरवरी, 1993

18 सितम्बर, 2011

2014 में भी भूकंप आया था और हाल के दिनों में लगातार आ रहा है।


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