12.5 करोड़ के धान का गबन, अधिकारी व मीलर की फंसी गर्दन
- तीन तत्कालीन बीएओ व दो कार्यपालक सहायक के विरुद्ध सर्टिफिकेट केस दायर - फारबिसगंज, भरगामा, रानीग
- तीन तत्कालीन बीएओ व दो कार्यपालक सहायक के विरुद्ध सर्टिफिकेट केस दायर
- फारबिसगंज, भरगामा, रानीगंज में हुआ था धान खरीद में गबन
- एसएफसी के जिला प्रबंधक ने राशि वसूली के लिए किया केस
- पहले से सबों पर थाना में दर्ज है प्राथमिकी
अररिया, संसू: जिले में पिछले दो वर्षो में हुए करीब 12.50 करोड़ के धान गबन मामले में अधिकारी, मीलर सहित सात लोगों की गर्दन फंस गई है। इसमें से कई लोग जेल की हवा भी खा चुके हैं अब उनसे सरकारी गबन की राशि वसूल करने की तैयारी चल रही है। वित्तीय वर्ष 2011-12 व 2013-14 में अब तक तकरीबन 12.56 करोड़ रुपए के धान का गोलमाल किए जाने का मामला उजागर हो चुका है। राज्य खाद्य निगम शाखा अररिया ने अब सरकारी राशि वसूली के लिए सख्त कदम उठाना शुरू कर दिया है। 12.56 करोड़ रुपये की वसूली के लिए जिला प्रबंधक ने पूर्णिया के एक राईस मिल मालिक, तीन तत्कालीन प्रखंड कृषि पदाधिकारी सहित दो कार्यपालक सहायक के विरुद्घ पांच अलग-अलग नीलाम पत्र वाद दायर किया है।
किनके विरुद्ध दायर हुआ नीलाम पत्र
केस नं. नाम पदनाम राशि
05/15-16 दीपक कुमार साह, पूर्णिया राईस मिल 8.28 करोड़
02/15-16- आशुतोष कुमार, तत्कालीन बीएओ, भरगामा 2.27 करोड़
- राहुल कुमार, कार्यपालक सहायक
03/15-16- योगेन्द्र पासवान, तत्कालीन बीएओ, फारबिसगंज, 1.73 करोड़
- सोनू कुमार , कार्यपालक सहायक
04/15-16- सोनू कुमार- कार्यपालक सहायक, 5.31 लाख
05/15-16- उमाशंकर सिंह- तत्कालीन बीएओ, रानीगंज 22.39 लाख
- राहुल कुमार - कार्यपालक सहायक
बंगाल के मीलर व अन्य भी कार्रवाई की जद में
वित्तीय वर्ष 2011-12 तथा 2013-14 के दौरान जिले में धान खरीद प्रक्रिया में जमकर गबन का खेल चला। खासकर फारबिसगंज, रानीगंज, भरगामा में मानों किसानों का धान खरीद कर क्रय केंद्र प्रभारी व कार्यपालक सहायक ने मिलीभगत कर खुले बाजार में बेचवा दिया। इसके बाद जब प्रशासन ने धान जमा करने का दवाब बनाया तो कलई खुलने लगी। फारबिसगंज के तत्कालीन बीएओ योगेन्द्र पासवान, ईए सोनू कुमार तो जेल की हवा भी खा चुके हैं।
सबों पर पूर्व से दर्ज है प्राथमिकी
धान गबन का मामला उजागर होने के बाद डीएम नरेन्द्र कुमार सिंह ने काफी सख्ती दिखाई। जिला प्रबंधक के द्वारा संबंधितों को नोटिस भेजकर राशि जमा करने का निर्देश दिया गया। इसके बाद कुछ-कुछ राशि तो दोषियों ने जमा कराई, पर अधिकतम राशि जमा नहीं हुई। इसके बाद डीएम के निर्देश पर जिला प्रबंधक ने संबंधित थानों में दोषियों पर प्राथमिकी दर्ज करायी।
कोट
सबों पर पूर्व से थाना में प्राथमिकी दर्ज है। सिर्फ रानीगंज के तत्कालीन बीएओ व ईए पर केस करने की तैयारी जारी है। सरकारी राशि वसूली के लिए सर्टिफिकेट केस दायर किया गया है।
मनोज कुमार शाही
डीटीओ, सह
वरीय प्रभारी, एसएफसी
अररिया