फारबिसगंज नप में जारी शह और मात का खेल
अररिया, संसू: फारबिसगंज नगर परिषद इन दिनों राजनीति का अखाड़ा बना हुआ है। पिछले बीस दिनों से शह और मात
अररिया, संसू: फारबिसगंज नगर परिषद इन दिनों राजनीति का अखाड़ा बना हुआ है। पिछले बीस दिनों से शह और मात का खेल जारी है। साथ ही फारबिसगंज शहरवासियों की नजर भी नजर भी नगर परिषद की राजनीति पर टिकी है। 14 वार्ड पार्षदों की एकजुटता से कुछ देर के लिए यह जरूर दिखता है कि अविश्वास प्रस्ताव लगाने वाले गुट की स्थिति मजबूत है। जबकि दूसरे पक्ष के लोग उसी 14 में से कुछ टूट के साथ खुद के पास बहुमत का दावा कर रहे हैं। हालांकि इस सब राजनीति के बीच कार्यपालक पदाधिकारी के कार्यशैली पर सवाल उठने लगा है। उनपर आरोप लगाने वाले पार्षदों का कहना है कि ईओ ने नियम के विपरीत जाकर 26 फरवरी के बैठक को स्थगित कर दिया। हालांकि इस संबंध में डीएम नरेन्द्र कुमार सिंह भी साफ कर चुके हैं कि उनके स्तर से बैठक स्थगित करने निर्देश नहीं जारी किया गया है। साथ ही अब तक मुख्य पार्षद वीणा देवी के इस्तीफे पर अब भी सस्पेंस बरकरार ही है। ऐसी परिस्थिति में ईओ सुनील कुमार किस नियम के तहत अविश्वास प्रस्ताव बहस के लिए आहूत बैठक किस नियम के तहत स्थगित किया है?
26 फरवरी को होने वाली बैठक से दो दिन पूर्व 24 फरवरी को मुख्य पार्षद वीणा देवी व उप मुख्य पार्षद मोती खान ने इस्तीफा दे दिया। उप मुख्य पार्षद तो अपना इस्तीफा मुख्य पार्षद को सौंपे जहां स्वीकार भी कर लिया गया परंतु मुख्य पार्षद ने सचिव नगर विकास विभाग को इस्तीफा दिया था। उनका इस्तीफा अब तक स्वीकार नहीं हुआ है, उस पर सस्पेंस बरकरार है। एक मार्च को सात दिन पूरा हो जाएगा। उसके बाद नंबर एक की कुर्सी खाली होगी या .। फिलवक्त 14 पार्षद एकजुट होकर नप ईओ के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं।