Move to Jagran APP

सब कुछ आन लाइन है, भाई!

रविवार विशेष के लिए कृपया लोगो लगा देंगे -कंप्यूटर गुरु अब बांच रहे 'माउस मंत्र' -जटिल समझा

By Edited By: Published: Sat, 24 Jan 2015 08:16 PM (IST)Updated: Sat, 24 Jan 2015 08:16 PM (IST)
सब कुछ आन लाइन है, भाई!

रविवार विशेष के लिए

loksabha election banner

कृपया लोगो लगा देंगे

-कंप्यूटर गुरु अब बांच रहे 'माउस मंत्र'

-जटिल समझा जाने वाला कंप्यूटर समा रहा ग्रामीण संस्कृति में

अशोक झा, अररिया,

इक्कीसवीं सदी के युवा पेन एंड पेपर तथा ब्लैक एंड व्हाइट के फ्रेज को त्याग चुके हैं। अब सब कुछ आनलाइन हो गया है। कंप्यूटर के माउस पर क्लिक कीजिए और पूरी दुनिया आपकी मुट्ठी में समा जाती है। बस ज्ञान के महासमुद्र में विचरण करते रहिए।

छात्र व युवा आनलाइन भर रहे प्रतियोगिता के फार्म

किसी भी साइबर कैफे में चले जाइए, छात्र छात्राओं का समूह प्रतियोगिता का फार्म आन लाइन भरते नजर आ जाएगा। जरा उनकी बातचीत सुनिए तो और भी विस्मयकारी शब्द सुनने को मिलेंगे। भोजपुर मार्केट स्थित साइबर कैफे में बैठे दीपक नामक लड़के ने कहा: ..हम लोग अब कंप्यूटरे पर अपना फार्म भर देते हैं। यह सुन कर वहां बैठा सद्दाम नामक युवक तपाक से बोल उठा हां हम तो अपने लैपटाप पर ही फार्म भर दिए। अरे भइया, अब तो मोबाइल में भी ऐसा सिस्टम आ गया है कि बस कंप्यूटर ही समझो।

कंप्यूटर के पार्ट्स के नाम भी अब आम बोलचाल में शामिल हो गये हैं। इ कुछ नहीं समझता है। ..इसका हार्ड डिस्क खराब हो गया है। जल्दी से फारमेट करवाना पड़ेगा। ..इसका मानीटर गड़बड़ा गया है।

युवाओं को सफलता के शार्ट कट की तलाश

बात यह नहीं कि आगे बढ़ने के लिए युवा शार्टकट खोजते रहते हैं। लेकिन यह जरूर है कि इक्कीसवीं सदी के इन लड़कों को सफलता के शार्ट कट की तलाश है। हालांकि इस तलाश में गुरु मंत्र की महत्ता कम नहीं हुई है।

दो दर्जन से अधिक सेंटर सिखा रहे माउस मंत्र

जिला मुख्यालय में दो दर्जन से अधिक सेंटर हैं, जहां बच्चों को कंप्यूटर की शिक्षा दी जा रही है। इन सेंटरों पर कंप्यूटर कोर्स की डिग्री लिए 'गुरु' बच्चों के बीच 'माउस मंत्र' बांचते रहते हैं।

गांवों में पहुंच गया कंप्यूटर

इतना ही नहीं कंप्यूटर अब गांवों में भी पहुंच गया है। नेपाल सीमावर्ती गांवों में भी कंप्यूटर व इंटरनेट आधारित रोजगार करने वाले कैफे लगातार खुल रहे हैं। कुर्साकाटा, सिकटी, पलासी, जोकीहाट, रानीगंज, भरगामा और नरपतगंज जैसे ग्रामीण बाजारों में चले जाइये तो कंप्यूटरों की बिक्री मार्केट के बड़े अंश को कमांड करने लगी है।

कल तक टेबल पर रखे मानीटर को ही लोग कंप्यूटर कहते थे। लेकिन अब आपने ऐसा कहने की भूल की तो टोकने वाला तुरंत कह देगा कंप्यूटर नहीं डेस्कटाप कहिये सर! बात इससे भी आगे चली गयी है। पुरानी पीढ़ी डेस्कटाप से लैपटाप के सफर में उलझी है और नये लड़के लैपटाप से आगे हथेली में समा जाने वाले पामटाप या उससे भी आगे जा रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.