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सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश दे गई छठ की छटा

संवाद सूत्र, जोकीहाट (अररिया): छठ की छटा बिखेर रही सूर्य की लालिमा में व्रतधारियों की सूर्योपासना के

By Edited By: Published: Fri, 31 Oct 2014 06:40 PM (IST)Updated: Fri, 31 Oct 2014 06:40 PM (IST)

संवाद सूत्र, जोकीहाट (अररिया): छठ की छटा बिखेर रही सूर्य की लालिमा में व्रतधारियों की सूर्योपासना के प्रति श्रद्धा और उल्लास जोकीहाट रामजानकी मंदिर स्थित तालाब में देखने लायक था लेकिन इस रौनक को और चर्चित कर गई सांप्रदायिक सौहार्द का बेमिसाल नमूना, जिन्होंने भी देखा बगैर तारीफ के नहीं रह पाये। यह है जोकी बाजार के समाज सेवियों व बुद्धिजीवियों का वाकया जिन्होंने अपने कारनामों से छठ की रौनक में चार चांद लगा दिया। यूं तो जोकीहाट के लिए यह कोई नई बात नहीं है क्योंकि बाजार स्थित जामा मस्जिद व दुर्गा मंदिर की दीवारें एक दूसरे के गले में गला डाल गलबहिया करती है जो एकता और सौहार्द का संदेश पूर्व से ही देता आ रहा है। एक तरफ मस्जिद में जहां रोज अल्ला हो अकबर की अजान होती है तो दूसरी और दुर्गा मंदिर में जय अंबे गौरी की भक्ति संगीत गूंजती रहती है। जहां मुहर्रम और ईद में हिन्दू समुदाय के लोग हिस्सा लेते हैं वहीं होली हो या दुर्गा पूजा, मुस्लिम समुदाय के लोग एक दूसरे के घर पहुंचकर बधाई देते हैं। यहां के लोग समय आने पर अच्छे समाज सेवक की भूमिका अदा करने में शानदार मिसाल पेश करते रहे हैं। यही है। यहां कि सांस्कृतिक और समाजिक धरोहर की पहचान।

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छठ पूजा के अवसर पर जिस तरह हिन्दू महिलाओं के साथ साथ मुस्लिम महिलाएं शरीक हुई इसे देख एक स्वस्थ समाज का चेहरा झलकता है। इस एकता व सौहार्द देख ऐसा प्रतीत हुआ कि लोग अब धार्मिक आडंबर से बाहर निकल कर समाजिक डोर में बंधने को आतुर हो। इतना हीं नहीं अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाएं व युवा व्रतधारियों के प्रति सहानुभूति भी रखते हैं। यथा संभव वे उनकी मदद भी करते रहे हैं। यकीन न हो तो जोकीहाट बाजार स्थित छठ पूजा में एक बार शरीक होकर देखें। यहां के गंगा जमुनी संस्कृति के माधुर्य को देख बाहर के लोग भी काफी खुशी महसूस करते हैं। बीडीओ अमित कुमार अमन, एसएचओ अमित कुमार ने भी छठ के मनोरम दृश्य देख गदगद हो गये। इस सामाजिक समरसता को बनाये रखने में यहां के दोनों समुदाय के बुद्धिजीवियों की जितनी भी तारीफ की जाय कम है। जोकीहाट का यह पर्व संदेश देता है कि सभी समाज में ऐसी व्यवस्था हो तो स्वस्थ समाज के निर्माण में बल मिलेगा।


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