लीड=छठ: आस्था के क्षितिज पर उदित हुआ आशाओं का सूरज
अररिया, जागरण संवाददाता: महंगाई, गरीबी और भ्रष्टाचार की मार से कराह रहे मैले आंचल में सूर्य आराधना क
अररिया, जागरण संवाददाता: महंगाई, गरीबी और भ्रष्टाचार की मार से कराह रहे मैले आंचल में सूर्य आराधना का महापर्व छठ अपूर्व उल्लास व उत्साह का संचार कर गया। गुरुवार की सुबह जीवनरेखा की तरह विस्तृत यहां की नदियों व नहरों के किनारे लोक आस्था का एक नया सूर्योदय सामने आया। पूरब के क्षितिज पर सूर्य के दर्शन होते ही लाखों कंठों का समवेत स्वर भगवान भास्कर और छठी मैया के जैकारे से गूंज उठा। इस की गूंज दूर तक गयी और यह जन-निनाद शायद पूरे साल श्रद्धालुओं को बुराईयों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता रहेगा।
छठ घाटों पर जहां बिजली के रंगीन झूमर शोभा बढ़ा रहे थे, वहीं, आधी रात से ही श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ने लगा। जन आस्था किसी समुद्र की तरह गहरी और अगाध नजर आयी। दर्जनों लोग दंड प्रणाम लगाते हुए घाटों की ओर जा रहे थे।
यह दृश्य बुधवार की शाम से ही नजर आया। ऐसा लगा कि भगवान सूर्य ने सबके शरीर में अपनी समस्त ऊर्जा भर दी है। जाति धर्म का भेद भूल कर सारे लोग इस महापर्व में शामिल होने के लिए छठ घाटों की ओर बढ़ रहे थे। इस पर्व पर अभूतपूर्व सामाजिक समरसता के दर्शन हुए। चार दिवसीय पर्व के दौरान समाज का हर वर्ग इसमें संलिप्त नजर आया।
अररिया शहर में परमान नदी तट, एबीसी नहर, बूढ़ी कोसी धार व अररिया आरएस तालाब पर श्रद्धालुओं का सर्वाधिक जमावड़ा था। इसके अलावा कई अन्य जलाशयों व जल धारों में लोगों ने छठ पूजा कर भगवान र्सू को अर्घ्य दिया। इस बार पर्व को ले प्रशासन व पुलिस चौकस दिखी। नदी व नहर तट पर सुरक्षा के तगड़े इंतजाम थे। परमान में मोटर बोट से गश्त हो रही थी। उधर, छठ मइया के दरबार में सब नत मस्तक थे। राजनेता भी और आम आदमी भी।