हाय रे अररिया का ट्रैफिक!
अशोक झा, अररिया: वाहनों की संख्या जरूर बढ़ी, लेकिन अररिया के ट्रैफिक सीन में कुछ सकारात्मक बदलाव नहीं आया। गौर कीजिए तो सड़कों पर अपनी ही मौज में चलते टेंपू चालक, ट्रैफिक नियमों की धज्जी उड़ाते ट्रक व ट्रैक्टर ही नजर आते हैं। हम अपने मन से चलेंगे आपको इससे क्या? कोई रोकने वाला नहीं। प्रशासन मौन और नतीजा सड़क हादसों के रूप में सामने आता रहता है।
अररिया की सड़कों पर कई सदियां एक साथ दिख जाती हैं। पैदल चलते अतीतजीवी ग्रामीण, बैलगाड़ी पर मिट्टी व बांस लेकर चलता गाड़ीवान, दायें बायें चलता रिक्शा, सड़क पर ही खड़े टेंपू, होटलों व दुकानों के सामने सड़क पर खड़े दोपहिए और बीच में चलते अन्य वाहन। इन सबके बीच सड़क पर दर्जनों की संख्या में घूमते मवेशी। इसी दौरान तेजी से भागते ईट लदे ट्रैक्टर भी। यही है अररिया का ट्रैफिक सीन। निष्कर्ष यह कि 21 वीं सदी में भी अररिया का ट्रैफिक बैलगाड़ी की रफ्तार से घिसटता है। इस प्राणघातक व अराजक व्यवस्था को सुधारने के लिए प्रशासन की ओर से कोई ठोस प्रयास अब तक सामने नहीं आया है।
कहां कहां है बदहाल ट्रैफिक
-सदर अस्पताल के सामने
-नगर परिषद के सामने
-विकास बाजार
-चांदनी चौक
-सुभाष बाजार
-हटिया रोड
-बस स्टैंड रोड
-रानीगंज बस स्टैंड
-काली मंदिर चौक
-बस स्टैंड अंबेडकर चौक
-जीरो माइल जोकी रोड
-आजाद एकेडमी चौक
-स्टेशन रोड
-अदालत परिसर
शहर में अब तक नहीं हुई पार्किंग की व्यवस्था
ट्रैफिक सुधारने के लिए पार्किंग व्रूवस्था आवश्यक है। लेकिन अररिया शहर का दुर्भाग्य ही कहेंगे कि यहां किसी भी सार्वजनिक स्थल पर वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था नहीं की गयी है। टै्रफिक की बदहाली सबसे अधिक मेन रोड में तकलीफ देती है। कुछ माह पहले पुलिस के जवानों को ट्रैफिक को सुचारू बनाये रखने के लिए लगाया गया था। लेकिन अराजक वाहनों की भीड़ से हालात में कोई खास सुधार नहीं हुआ। जानकारों की मानें तो सुभाष बाजार से अदालत परिसर के बीच सड़क में अंडर पास बना कर ट्रैफिक जाम की हालत सुधारी जा सकती है।
ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार के प्रमुख बिंदु
-सड़कों पर से अवैध कब्जा हटाना
-सड़क से वाहन पड़ा व हटाना
-पीक आवर में बड़े वाहनों के आवागमन पर रोक
-नो एंट्री बोर्ड की मदद से भीड़ वाली सड़कों पर वाहन परिचालन को रेगुलेट करना
- आवारा मवेशियों को रोकने के लिए अड़गड़ा सिस्टम को लागू करना कोट
ट्रैफिक की स्थिति सुधारने के लिए पुलिस के जवानों से ही यथा संभव काम लिया जा रहा है। ट्रैफिक नियमों की अनदेखी करने वाले वाहन चालकों पर कार्रवाई भी की जा रही है। लेकिन इसमें सामाजिक सहभागिता भी आवश्यक है।
-राजीव रंजन, अपर पुलिस अधीक्षक, अररिया