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केबीसी की हाट सीट पर अमिताभ से रूबरू होगी फारबिसगंज की फातिमा- लीड

By Edited By: Published: Tue, 19 Aug 2014 08:36 PM (IST)Updated: Tue, 19 Aug 2014 08:36 PM (IST)

फोटो- 19 एआरआर- 22, 23

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कैप्शन-

- फातिमा ने भरी रेड लाइट एरिया से कौन बनेगा करोड़पति तक की उड़ान

- महज 09 वर्ष की उम्र में हुई थी शादी

- शादी के बाद से रह रही थी फारबिसगंज के रेड लाइट एरिया में

- हौसले की उड़ान भरती फातिमा

फारबिसगंज (अररिया), संसू: रेड लाइट की जिल्लत भरी जिंदगी से टीवी की चकाचौंध तक का सफर बिल्कुल फिल्मी लगता है। लेकिन इसे हकीकत बनाया है फारबिसगंज रेड लाइट की फातिमा ने। जिंदगी जीना और उसे निकट से देख कर हौसले की उड़ान भरना यदि कोई सीखे तो फारबिसगंज की फातिमा खातून एक आदर्श उदाहरण हो सकती हैं। वह 21 अगस्त को सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के साथ केबीसी की हॉट सीट पर बैठने वाली हैं।

क्या है फातिमा की कहानी

फातिमा की शादी महज 09 वर्ष की उम्र में शोएब नामक शख्स से कर दी गयी जो उससे 21 साल बड़ा था। फातिमा इस पीड़ा को तो बर्दाश्त कर गयी, मगर तब वह विद्रोह कर बैठी जब उसे फारबिसगंज रेड लाइट एरिया, में देह व्यापार के लिए मजबूर किया जाने लगा। उसने देखा कि उसके ससुराल में ही बहू बेटियों को जिस्मफरोशी के धंधे में लगा दिया गया है। इरादे से मजबूत फातिमा इसका विरोध करती रही और अपने आप, वुमेन व‌र्ल्ड वाईड संस्था से 14 अगस्त 2004 को जुड़ गयी। ऐसा लगा कि देश की आजादी के दिन फातिमा अपने नए जीवन की शुरूआत कर रही है। वह जबरन देह-व्यापार में ढकेली जाने वाली औरतों को सम्मान दिलाने के लिए जागृत हो उठी। फातिमा को 2 लड़के व 4 लड़कियां हैं। उसने बच्चों को शिक्षा के लिए समाज से दूर भेज दिया और अपने पति में विचारों की तब्दीली लाकर उसे ऑटो चालक बना दिया। वे पहले से शादी शुदा थे। फातिमा उसकी दूसरी पत्‍‌नी है।

फारबिसगंज की फातिमा 21 अगस्त को कौन बनेगा करोड़पति की हॉट सीट पर बैठने वाली है और अपने क्षेत्र के साथ-साथ अपना रोशन करनी वाली है।

इस साल मई के अंतिम सप्ताह से अगस्त के पहले सप्ताह तक वह दिल्ली में रही और वहीं से उसने केबीसी के लिए प्रयास किया। सफलता उसके कदम को चूमने लगी है और वह अब देह व्यापार के दलदल में फंसी लाखों नारियों के लिए एक आदर्श बन कर सामने आ रही है। फातिमा के जज्बे को सलाम।

बाक्स

नेपाल में रहते हैं फातिमा के माता-पिता

अपने आप, वूमेन व‌र्ल्ड वाईड की ट्रेनी प्रोग्राम आफिसर भावना जोशी ने बताया कि फातिमा खातुन से जब वह पहली बार 07 जुलाई 2014 को फारबिसगंज कार्यालय में मिली थी। तब उससे मिलकर लगा था कि उसके व्यक्ति में कुछ अलग सा ऐसा अंदाज है जिसमें कुछ कर गुजरने की तम्मना है। भावना ने कहा कि फातिमा संस्था के अंतर्गत किशोरी मंडल बस्ती विकास केंद्र, महिला मंडल के साथ-साथ नोवी में भी कार्यरत है। संस्था के हर काम को बखूबी अंजाम देना फातिमा का काम है। हालांकि कि फातिमा की पढ़ाई लिखाई बहुत ज्यादा नहीं है। बहुत कम उम्र में ही उसके माता-पिता जो अभी नेपाल स्थित दुहबी में रहते हैं कि शादी कर दी। शादी के बाद से फातिमा अपने पति के साथ फारबिसगंज के रेड लाइट एरिया में रहनी लगी। जब वह ब्याह कर अपने ससुराल आयी तो उसने देखा कि अपने ही घर की बहु बेटियों को देह व्यापार में जबरन धकेला जाता है। तब उसने इसका विरोध किया इस दौरान अपने पति व ससुराल वालों के खिलाफ व खड़ी हो गयी। भावना जोशी ने कहा कि एक साहसी और निडरतापूर्वक कदम उठाना सबके बस की बात नहीं है।


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