शिक्षा का फर्जीवाड़ा: नैनिहालों के भविष्य का कौन रखवाला
- फर्जी शिक्षकों की भरमार, बच्चे के साथ हो रहा खिलवाड़
- आठ शिक्षकों के फर्जी तरीके से दक्षता पास होने के मामले से हड़कंप
- पहले भी नियोजन से पूर्व मिला था 925 फर्जी टीईटी प्रमाण पत्र
- तीन वर्ष पहले 33 शिक्षकों के प्रमाण पत्र पाए गए थे फर्जी
अररिया, संसू: अररिया में शिक्षा के साथ क्रूर मजाक किया जा रहा है। यहां फर्जी शिक्षकों की भरमार है। वे शिक्षक बच्चे के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। उनके भविष्य का रखवाला कौन होगा। इन सब बातों की चिंता न तो शिक्षा विभाग को है और न ही सरकार व प्रशासन इसकी सुधि ले रहा है।
फर्जी तरीके से दक्षता पास कर मानदेय वृद्धि लेने वाले आठ शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज होने के बाद जिले में हड़कंप मच गया है। इन आठ शिक्षकों में सात महिलाएं शामिल हैं। अब फर्जी डिग्री पर काम कर रहे शिक्षकों तथा बहाल करने वाली नियोजन समिति की नींद उड़ गयी है।
नियोजन से पूर्व 925 टीईटी प्रमाण पत्र मिला था फर्जी
तृतीय चरण शिक्षक नियोजन 2012 के तहत टीईटी पास अभ्यर्थी का ही नियोजन होना था। जिले के नियोजन इकाईयों द्वारा तैयार किए गए पैनल की जांच जब शुरू हुई तो अररिया एक बार फिर पूरे बिहार में अव्वल हो गया। मतलब टीईटी प्रमाण पत्रों के सत्यापन कराया गया तो 925 ऐसे प्रमाण पत्र पाए गए जो स्केनिंग कर अंक बढ़ा लिया गया था। लेकिन विभाग ने फर्जी टीईटी प्रमाण पत्र वाले अभ्यर्थियों पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं किया।
तीन वर्ष पूर्व भी 33 शिक्षकों का प्रमाण पत्र मिला था फर्जी
जिले में शिक्षक नियोजन के दौरान खूब कंप्यूटर का खेल हुआ। प्रथम तथा द्वितीय चरण शिक्षक नियोजन के दौरान नियोजित कुछ शिक्षकों का शैक्षणिक तथा प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों का सत्यापन तीन वर्ष पूर्व कराया गया था। जांच के बाद 33 शिक्षकों के कागजात फर्जी पाए गए थे। उसमें फिर 11 शिक्षकों के प्रमाण पत्र पुनमूल्यांकन के बाद सही पाए गए। लेकिन शेष 22 फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाल शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकी हैं।
पांच सौ से अधिक हैं फर्जी डिग्री पर बहाल
जिले में प्रथम द्वितीय तथा तृतीय चरण शिक्षक निजोजन के दौरान जो भी शिक्षक नियोजित हुए हैं। उसमें तकरीबन 500 ऐसे शिक्षक हैं जो फर्जी डिग्री पर बहाल हैं। खासकर यह बहाली पंचायत स्तर पर हुई हैं। नियोजन के वक्त विभाग ने साफ कर दिया था कि बिना प्रमाण पत्रों के जांच के शिक्षकों को वेतन नहीं दिया जाए।
बीईओ ने सत्यापन कराने में नहीं दिखाई रूचि
सरकारी दिशा निर्देश के आलोक में शिक्षकों के प्रमाण पत्रों के सत्यापन में कोई भी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने रूचि नहीं दिखाई। सिर्फ शपथ पत्र लेकर मानदेय भुगतान करने में दिलचस्पी लिया।
क्या कहते हैं पदाधिकारी
निजोजन इकाईयों को इस संबंध में पत्र लिखा जा रहा हैं। फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाल शिक्षकों का नियोजन रद्द कर अविलंब प्राथमिकी दर्ज कर राशि वसूल करने का निर्देश दिया गया हैं। किसी भी सूरत में ऐसे शिक्षकों को मानदेय का भुगतान नहीं करना हैं।
मनोज कुमार
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना), शिक्षा विभाग , अररिया