इस घोटाले में फंसी वोक्सवैगन कंपनी, 14.7 अरब डॉलर हर्जाना देने के लिए भरी हामी
जर्मनी की कंपनी वोक्सवैगन ने उत्सर्जन घोटाले में कार मालिकों और सरकार के साथ किए गए समझौते के बाद हर्जाना भरने के लिए हामी भर दी है
जर्मनी की कंपनी वोक्सवैगन ने उत्सर्जन घोटाले में कार मालिकों और सरकार के साथ किए गए समझौते के बाद हर्जाना भरने के लिए हामी भर दी है। जिसके चलते कंपनी 14.7 अरब डॉलर का हर्जाना भरेगी। यही नहीं, पर्यावरण को हुए नुकसान के लिए भी कंपनी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी यानि ईपीए को भी 2.7 अरब डॉलर का मुआवजा देगी। रिपोर्ट्स का मानें तो इस समझौते की कई जानकारियां लीक हुई है लेकिन अब तक उन्हें औपचारिक तरीके से जारी नहीं किया गया है। दरअसल, सैन फ्रांसिसको की एक अदालत में गुरुवार को इस मामले पर सुनवाई होनी है।
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प्राप्त खबरों की मानें तो इस समझौते में उपभोक्ता, कैलिर्फोनिया की सरकार और वोक्सवैगन के बीच समझौता हुआ था। जिसमें वोक्सवैगन की कारों से अमेरिका में हुए ज्यादा प्रदूषण को लेकर चर्चा की गई है। इसमें कहा गया है कि अगर कंपनी के इंजीनियर्स कार मालिकों को सही जवाब नहीं दे पाए तो कंपनी अपनी बेची हुआ कार ग्राहकों से वापस खरीदेगी। एक रिपोर्ट के आधार पर वोक्सवैगन ने करीब 10 अरब डॉलर आरक्षित रखा है जिससे वो अपने बेचे गए वाहनों को वापस खरीद पाए।
आपको बता दें कि अमेरीकी सरकार ने प्रदूषण के लिए एक सीमा निर्धारित की है लेकिन वोक्सवैगन की कारें निर्धारित सीमा से ज्यादा प्रदूषण फैलाती हैं। इसी बात को छुपाने के लिए वोक्सवैगन ने अपनी कारों के सॉफ्टवेयर में धोखाधड़ी की थी। इसके तहत अगर कार की जांच की जाती है तो इंजन से निकलने वाली नाइट्रोजन ऑक्साइड की मात्रा कम निकलती है।