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GST के बाद गाड़ियां सस्ती होंगी या महंगी, जानें

कार उद्योग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि बाजार में कीमतों को लेकर जो कयास लगाए जा रहे हैं, उन्हें अभी सही नहीं माना जा सकता, क्योंकि हर राज्य में जीएसटी लागू होने का अलग-अलग असर होगा

By Ankit DubeyEdited By: Published: Thu, 29 Jun 2017 11:52 AM (IST)Updated: Fri, 30 Jun 2017 10:40 AM (IST)
GST के बाद गाड़ियां सस्ती होंगी या महंगी, जानें
GST के बाद गाड़ियां सस्ती होंगी या महंगी, जानें

नई दिल्ली (जेएनएन)। जीएसटी लागू होने के बाद पैसेंजर कारों की कीमतें कम होंगी या बढ़ेंगी? यह एक सवाल है जिसको लेकर सरकार भी कुछ नहीं कह रही और न ही ऑटोमोबाइल कंपनियां। कार बेचने वाले डीलर भी पसोपेश में हैं। नई कार खरीदने की योजना बनाने वाले ग्राहक तय नहीं कर पा रहे हैं कि वे क्या करें। ऑटो कंपनियों का कहना है कि कारों की कीमतों में कितना बदलाव होगा, यह एक जुलाई को जीएसटी अमल में आने और इसके तहत विभिन्न दरों की अधिसूचना जारी होने के बाद ही पता चलेगा।

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कार उद्योग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि बाजार में कीमतों को लेकर जो कयास लगाए जा रहे हैं, उन्हें अभी सही नहीं माना जा सकता, क्योंकि हर राज्य में जीएसटी लागू होने का अलग-अलग असर होगा। किस मॉडल की कीमत कितनी बढ़ेगी और कितनी कम होगी, यह हम तभी बता सकते हैं, जब अंतिम तौर पर रेट मालूम हो। सूत्रों का कहना है कि अभी भी सरकार के साथ कई दरों पर विचार-विमर्श हो रहा है। खासतौर पर जिस तरह से हाइब्रिड कारों पर 43 फीसद का जीएसटी लगाया गया है, उसको लेकर उद्योग जगत में काफी चिंता है। अभी भी सरकार से बात की जा रही है कि इसे कम किया जाए।

हाल ही में कार कंपनियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्रलय के आला अधिकारियों से मुलाकात कर यह बताया कि किस तरह से हाइब्रिड कारों पर इतना ज्यादा कर लगाना वर्ष 2030 तक सिर्फ बिजली से कार बनाने की सरकार के लक्ष्यों को पलीता लगा देगा। अगर सरकार ने प्रस्तावित दरों को ही लागू कर दिया तो हाइब्रिड कारों की कीमतों में 5-7 लाख रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है।

जीएसटी के तहत कारों पर प्रस्तावित दरों के मुताबिक 1200 सीसी तक की छोटी कारों पर 29 फीसद की दर से जीएसटी लगाई जाएगी, जो मौजूदा 28 फीसद के आसपास ही है। हां, अधिकांश राज्यों में कारों की कीमतों में स्थानीय कर भी जुड़ते हैं। इसके चलते छोटी कारों की कीमतों में 1000-2000 हजार रुपये का बदलाव आ सकता है। 1200 से 1500 सीसी कारों पर 31 फीसद की नई दर प्रस्तावित है, जबकि अभी ग्राहकों को सभी कर व शुल्कों को मिलाकर 39 फीसद तक देना होता है। इसी तरह से एसयूवी पर नई दर 43 फीसद प्रस्तावित है, जबकि मौजूदा दर 42 फीसद है। लेकिन कई राज्यों में एसयूवी पर स्थानीय कर की दर ज्यादा ऊंची है। इससे इसकी कीमतों में एक राज्य से दूसरे में 60 हजार से एक लाख रुपये तक का अंतर आ जाता है।

बहरहाल, इस असमंजस के बावजूद ऑटोमोबाइल कंपनियां जीएसटी लागू करने में जुटी हुई हैं। मारुति सुजुकी, हुंडई, होंडा, फोर्ड समेत सभी कंपनियां अपने हजारों वेंडरों को जीएसटी के तहत पंजीयन कराने में मदद कर रही हैं, ताकि एक जुलाई के बाद भुगतान वगैरह में कोई दिक्कत नहीं आए। हालांकि डीलरों के स्तर पर अभी कुछ समस्याएं हैं। राज्यों की तरफ से अभी तक लगाए जाने वाले शुल्कों की भरपाई को लेकर डीलर परेशान हैं। वाहन डीलर शॉप आने के साथ ही इन पर शुल्कों का भुगतान कर दिया जाता है। अब अगर ये वाहन एक जुलाई तक नहीं बिक पाते हैं तो डीलरों को चुकाए गए करों का बोझ उठाना पड़ सकता है, क्योंकि तब कार पर नया टैक्स (जीएसटी) लगाया जाएगा। 


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