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गोरखपुर एसएसपी की बड़ी कार्रवाई, एक साथ चार थानों के प्रभारी को किया लाइन हाजिर

Big Action of Gorakhpur SSP Dr. Gairav ​​Grover गोरखपुर के एसएसपी ने लापरवाह पुलिस कर्मियों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए चार थानों के एसओ को लाइन हाजिर कर दिया है। यह पुलिस कर्मी अपनी लापरवाही और खराब व्यवहार के लिए चर्चित थे।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 12 Aug 2022 09:38 PM (IST)Updated: Sat, 13 Aug 2022 09:21 AM (IST)
गोरखपुर एसएसपी की बड़ी कार्रवाई, एक साथ चार थानों के प्रभारी को किया लाइन हाजिर
गोरखपुर के एसएसपी डा. गाैरव ग्रोवर। - फाइल फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। जनसुनवाई में लापरवाही व खराब व्यवहार की वजह से चर्चा में रहने वाले रामगढ़ताल समेत चार थाना प्रभारियों को एसएसपी डा. गाैरव ग्रोवर ने लाइन हाजिर कर दिया।नौसढ़ व सोनबरसा के चौकी प्रभारी को उन्होंने थाने का प्रभार सौंपा है। एक साथ इतनी बड़ी कार्रवाई से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।

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इनपर हुई कार्रवाई

एसएसपी ने निरीक्षक सुशील कुमार शुक्ला को रामगढ़ताल से पुलिस लाइन भेजा है। कोतवाली प्रभारी रहे कल्याण सिंह सागर को रामगढ़ताल का प्रभार मिला है। गोला के थानेदार रहे जयंत कुमार सिंह को खोराबार थाने का प्रभार मिला है, यहां तैनात रहे नरेन्द्र कुमार सिंह को लाइन हाजिर किया है। उरूवा बाजार थानेदार रहे अजय कुमार मौर्या को कोतवाली थाने की जिम्मेदारी मिली है। एएचटी (एंटी ह्यमन ट्र्रैफिकिंग) थाना प्रभारी रहे जय नारायण शुक्ला को गोला थाने का थानेदार बनाया है।

इन्हें भी हटाया गया

न्यायालय सुरक्षा प्रभारी रहे भूपेन्द्र कुमार सिंह को उरूवा थानेदार बनाया है। पीपीगंज थानेदार रहे दुर्गेश कुमार सिंह को गोरखनाथ थाने की जिम्मेदारी मिली है, यहां तैनात रहे निरीक्षक मनोज कुमार सिंह को लाइन हाजिर कर दिया है। गुलरिहा थानेदार उमेश कुमार वाजपेयी चौरीचौरा और वहां तैनात रहे निरीक्षक मनोज कुमार पाण्डेय को गुलरिहा थाने की जिम्मेदारी मिली है। तिवारीपुर थानेदार रहे राजेन्द्र प्रताप सिंह को पुलिस लाइन भेजा गया है। चौरी चौरा के सोनबरसा चौकी प्रभारी रहे मदन मोहन मिश्र को तिवारीपुर व नौसढ़ चौकी प्रभारी सूरज सिंह को पीपीगंज थाने का प्रभार मिला है।

हिस्ट्रीशीटरों के फायरिंग करने पर पुलिस की हुई थी किरकिरी

रामगढ़ताल क्षेत्र में बिना रजिस्ट्रेशन के हास्पिटल चला रहे हिस्ट्रीशीर राहुल शर्मा व सूरज सिंह ने 30 जुलाई को डीआइजी बंगले के सामने फायरिंग कर सनसनी फैला दी थी। अधिकारियों ने दोनों को पकड़ने की जिम्मेदारी कैंट के साथ ही रामगढ़ताल थानेदार को दी थी। एक सप्ताह तक दोनों बदमाशों का पता नहीं चला।चौकसी के बीच दोनों बदमाशों ने न्यायालय में समर्पण कर दिया था।

घटना के बाद से ही रामगढ़ताल थानेदार की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे थे। 29 जुलाई की रात में सूरज ने साथियों के साथ रामगढ़ताल थाने के पास रहने वाले युवक को असलहा लेकर मारने को दौड़ाया था। रात में तहरीर देने के बाद भी थानेदार ने कार्रवाई नहीं की थी। घटना के बाद रातभर असलहा लेकर शहर में घूम रहे हिस्ट्रीशीटरों ने अगले दिन सुबह डीआइजी बंगले के सामने फायरिंग कर दी।


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