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दारोगा की बुलेट पर घूमता था अतीक का शूटर, शिकायत मिलते ही पुलिसकर्मी का ट्रांसफर

पता चला है कि उमेश पाल और उनके दो सरकारी गनर की हत्या में शामिल शूटर अरमान कभी एक दारोगा की बुलेट पर घूमता था। शिकायत होने पर उसे लाइन हाजिर किया गया था जिसके बाद उसने अपना तबादला दूसरे जोन में करवा लिया था। (फोटो- प्रतीकात्मक)

By Jagran NewsEdited By: Nitesh SrivastavaPublished: Mon, 20 Mar 2023 10:42 AM (IST)Updated: Mon, 20 Mar 2023 10:42 AM (IST)
दारोगा की बुलेट पर घूमता था अतीक का शूटर, शिकायत मिलते ही पुलिसकर्मी का ट्रांसफर
शूटरों की तलाश में खाक छान रही पुलिस और एसटीएफ को चौंकाने वाली जानकारी हाथ लगी । जागरण

 जागरण संवाददाता, प्रयागराज : पांच-पांच लाख रुपये के इनामी शूटरों की तलाश में खाक छान रही पुलिस और एसटीएफ को चौंकाने वाली जानकारी हाथ लगी है। पता चला है कि उमेश पाल और उनके दो सरकारी गनर की हत्या में शामिल शूटर अरमान कभी एक दारोगा की बुलेट पर घूमता था। शिकायत होने पर उसे लाइन हाजिर किया गया था, जिसके बाद उसने तबादला दूसरे जोन में करवा लिया था।

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गुर्गों संग विधायक का बेटा करता है प्रापर्टी डीलिंग

हत्याकांड को लेकर कड़ी से कड़ी जोड़ रही जांच एजेंसियों को यह भी पता चला है कि एक विधायक का बेटा अतीक के कुछ गुर्गों के साथ मिलकर प्रापर्टी डीलिंग का काम करता है। उक्त विधायक के बेटे के सहयोग में कुछ पार्षद, हिस्ट्रीशीटर सहित कई अपराधी भी प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते हैं। प्रयागराज और कौशांबी सीमा से जुड़ी तमाम जमीनों पर अतीक गैंग का अवैध कब्जा है।

समय-समय पर अवैध निर्माण पर कार्रवाई होती है तो कई बार दबाव भी बनाया जाता है। ऐसी और भी तमाम जानकारी जांच एजेंसियों के हाथ लगी है, जिसको लेकर साक्ष्य संकलित किया जा रहा है।

अम्मा हमको मार डाले....

यही थे उमेश पाल के मौत से पहले आखिरी शब्द। उमेश पाल की मां शांति देवी ने रविवार को उन अंतिम पलों के बारे में मीडिया से बात की। बेटे की मौत गम में डूबी शांति देवी ने बताया कि उन्हें एक धमाका जैसा सुनाई दिया तो अपने बड़े बेटे की पुत्री को बाहर देखने भेजा। इसके बाद पोती तो नहीं आई लेकिन कुछ पल ही बाद बेटा उमेश अचानक घर के अंदर दाखिल हुआ और उनके गले लगकर बोला- अम्मा, हमको मार डाले।

उमेश पाल की मां शांति देवी कहती हैं कि बेटे के यह शब्द सुनकर वह बदहवास हो गई और बाहर निकल कर आवाज दी जिसके बाद आसपास के लोग जुटे। उमेश की मां शांति देवी उन पलों को याद कर सिहर जाती हैं और कहती हैं कि आज इतने दिन हो गए सरकार काम कर रही है, लेकिन अभी तक सबको सजा मिल जानी चाहिए थी।

उमेश की पत्नी जया पाल तो इस घटना के बारे में बोलते समय कांपने लगती हैं और उनकी आंखों से आंसू गिरने लगते हैं। इस बीच अपने चाचा को अपराधियों की गोली लगने से घायल देख घबराई भतीजी अब तक सदमे में डूबी है। वह ना तो ठीक से बात कर पाती है ना बोल पा रही है। परिवार के लोगों ने उसको सबसे अलग रखा है।


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