पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों का असर, TikTok ने नियमों में किया बदलाव; डीपफेक पर सख्त हुआ चीनी ऐप
TikTok ने पहले डीपफेक पर प्रतिबंध लगाया था जो यूजर्स को वास्तविक दुनिया की घटनाओं के बारे में गुमराह करता है। नए दिशानिर्देशों में कहा गया है कि डीपफेक के जरिए किसी की निजता का हनन करने की अनुमति नहीं होगी।
लंदन, (एपी)। टिकटॉक (TikTok) ने मंगलवार को अपने नियमों में बदलाव करते हुए कंटेंट और उपयोगकर्ताओं के नए मानकों का एलान कर दिया है। चीन के स्वामित्व वाले इस लोकप्रिय वीडियो-शेयरिंग ऐप पर कंटेंट के अलावा गोपनीयता से छेड़-छाड़ जैसे आरोप लग रहे थे। यूजर्स की प्राइवेसी को लेकर टिकटॉक को पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा रहा था।
डाटा के दुरूपयोग संबंधी चिंताओं और गोपनीयता के खतरों को लेकर लेकर हाल के दिनों में टिकटॉक को पश्चिमी अधिकारियों के दबाव का सामना करना पड़ा है। इसके बाद कंपनी ने कम्युनिटी दिशानिर्देशों का एक नया सेट जारी किया, जिसमें कंटेंट मॉडरेशन के तौर-तरीकों के लिए आठ सिद्धांत शामिल किए गए हैं।
अपडेट किए गए नए मानदंड
टिकटॉक की प्रोडक्ट पॉलिसी की वैश्विक प्रमुख जूली डे बैलिएनकोर्ट ने कहा कि ये सिद्धांत मानवाधिकारों को बनाए रखने की हमारी प्रतिबद्धता पर आधारित हैं और अंतरराष्ट्रीय कानूनी ढांचे के अंतर्गत है। उन्होंने कहा कि टिकटॉक निष्पक्ष रहने, मानवीय गरिमा की रक्षा करने और किसी को भी होने वाले नुकसान को रोकने के साथ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को संतुलित करने का प्रयास करता है।
कई देशों ने लगाया प्रतिबंध
चीनी स्वामित्व वाला ऐप अमेरिका, यूरोप और एशिया-प्रशांत देशों की सरकारों के निशाने पर है। इस क्षेत्र में एक के बाद कई देशों की सरकारों ने टिकटॉक पर प्रतिबंध लगा दिया है। टिकटॉक पर ये आरोप लगाया गया है कि यह साइबर सुरक्षा और डाटा गोपनीयता के लिए जोखिम पैदा करता है और इसे गलत कामों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
फिलहाल इस बात का कोई सबूत नहीं है कि टिकटॉक ने यूजर डाटा चीनी सरकार को सौंप दिया है या नहीं। आलोचकों ने तर्क दिया है कि अगर इसने ऐसा अब तक नहीं किया है तो आगे जरूर करेगा। उधर टिकटॉक के सीईओ शाउ जी च्यू गुरुवार को अमेरिकी कांग्रेस के सामने पेश होने वाले हैं, जहां उनसे कंपनी की गोपनीयता, डाटा-सुरक्षा के नियमों और चीनी सरकार के साथ संबंधों के बारे में पूछताछ की जाएगी।
क्या हुए हैं बदलाव
21 अप्रैल से प्रभावी होने वाले नए दिशानिर्देशों के बाद यूजर को कंटेंट के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी। जो बदलाव अधिक मायने रखते हैं, उनमें डीपफेक पर इसके प्रतिबंधों के बारे में अतिरिक्त जानकारी शामिल है। डीपफेक को टिकटॉक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक द्वारा निर्मित सिंथेटिक मीडिया कहता है।
टिकटॉक ने इस तरह की तस्वीरों के बारे में अपनी नीति को और अधिक स्पष्ट रूप से बताने का प्रयास किया है। इसमें कहा गया है कि सभी डीपफेक या हेरफेर की गई सामग्री, जो ओरिजनल की तरह दिखती है, उसके साथ ये लेबल लगा होना चाहिए कि वह नकली है या उसमें क्या तब्दीली की गई है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)