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Sri Sri Ravi Shankar Message: आंतरिक स्व हो मजबूत, नववर्ष पर श्री श्री रविशंकर दे रहे हैं ये संदेश

New Year 2023 Message नए साल का स्वागत हर्षोल्लास के साथ किया गया है। शअध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर नया साल में क्या करना चाहिए अपने इस संदेश में बता रहे हैं। आइए जानते हैं नए साल के लिए श्री श्री रविशंकर क्या कह रहे हैं।

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraPublished: Sun, 01 Jan 2023 06:43 PM (IST)Updated: Sun, 01 Jan 2023 06:43 PM (IST)
Sri Sri Ravi Shankar Message: आंतरिक स्व हो मजबूत, नववर्ष पर श्री श्री रविशंकर दे रहे हैं ये संदेश
Sri Sri Ravi Shankar: नए साल पर श्री श्री रविशंकर दे रहे हैं ये महत्वपूर्ण संदेश।

नई दिल्ली, श्री श्री रविशंकर | New Year 2023 Message, Sri Sri Ravi Shankar: भारतीय संस्कृति जीवन जीने की एक पद्धति है, जो समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व जैसे मूल्यों का आधार है। यह संस्कृति शांतिपूर्ण रूप से अभिव्यक्ति और सामाजिक समरसता में वृद्धि का संदेश देती है। भारतीय सनातन परंपरा सांस्कृतिक मूल्यों, सहिष्णुता, शांति, समन्वय, समर्पण, सहअस्तित्व, त्याग और अहिंसा का संदेश देती है। हर नए वर्ष के साथ हमारे ये सांस्कृतिक मूल्य और प्रगाढ़ होते जाते हैं, जिसमें मनुष्य सहित सभी प्राणियों के कल्याण की भावना निहित होती है। यहां यही संदेश दे रहे हैं जाने माने संत और आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर।

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"संदेश"

हम नए साल की शुरुआत दूसरों के सुख और समृद्धि की कामना से करते हैं। समृद्धि का लक्षण स्वतंत्रता, मुस्कान और लोगों के साथ बिना किसी भय के विचार साझा करने की इच्छा है। समृद्धि का चिह्न है यह विश्वास कि जीवन में जो कुछ भी चाहिए, वह आपको मिलेगा। कैलेंडर की तरह हमें अपने मन को भी पलटते रहना चाहिए। आप अपनी भविष्य की तारीखों को पिछली घटनाओं से न भरें। अतीत से सीखें और भुला दें, आगे बढ़ें। लोभ, घृणा, ईर्ष्या आदि विकार यदि मन में हैं, तो वह प्रसन्नता या शांति नहीं आ सकती। आप जीवन का आनंद नहीं ले सकते। सभी नकारात्मक भावनाएं अतीत के कारण हैं। अत: अतीत को अपने जीवन के अनुभव को प्रभावित न करने दें। अतीत में घटी बातों के लिए क्षमा करें। यदि आप अतीत को भुला नहीं सकते, तो आपका भविष्य दुख से भरा होगा।

नए वर्ष में किसी ऐसे व्यक्ति के साथ सुलह करें, जिससे आपके संबंध अच्छे नहीं हैं। अतीत को छोड़ने और एक नया जीवन आरंभ करने के लिए खुद को प्रतिबद्ध करें। अधिक निःस्वार्थ सेवा करें। समाज के लिए अधिक शुभ करने का संकल्प लें, जरूरतमंद लोगों की मदद करें और जो पीड़ित हैं, उन्हें सांत्वना दें। जीवन का आध्यात्मिक आयाम आत्मीयता, उत्तरदायित्व, करुणा व संपूर्ण विश्व और पूरी मानवता की सेवा करने की एक महान भावना को उपजाता है। सच्चे रूप में आध्यात्मिक आयाम जाति, पंथ, धर्म और राष्ट्रीयता की संकीर्ण सीमाओं को तोड़ता है और हर जगह उपस्थित जीवन के बारे में व्यापक जागरूकता जगाता है। इस वर्ष हमें परमात्मा की उपस्थिति का, अपने चारों ओर परमात्मा के प्रकाश का अनुभव करना चाहिए। कुछ समय ध्यान और सत्संग में बिताएं, ताकि चुनौतियों से निपटने के लिए आपका आंतरिक स्व मजबूत हो जाए।


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