Sita Navami 2024: सीता नवमी की पूजा में प्रसन्न होती हैं मां जानकी, हर इच्छा करती हैं पूरी
सीता नवमी पर मां जानकी की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व माना गया है। इससे प्रसन्न होकर माता अपने भक्तों को इच्छित वर देती हैं। इस विशेष अवसर पर भगवान राम और माता सीता माता सीता की विधि-विधानपूर्वक पूजा करने से साधक को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। ऐसे में सीता नवमी पर पूजा के दौरान माता सीता जी की आरती का पाठ जरूर करना चाहिए।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Sita Navami 2024 Date: पंचांग के अनुसार, हर साल वैशाख शुक्ल नवमी तिथि पर सीता नवमी मनाई जाती है। ऐसा माना जाता है कि इसी तिथि पर माता सीता धरती पर अवतरित हुई थीं। माता सीता को जानकी, मैथिली, सिया आदि नामों से भी जाना जाता है। ऐसे में चलिए पढ़ते हैं सीता नवमी के शुभ अवसर पर मां सीता जी की आरती और मंत्र।
सीता नवमी का शुभ मुहूर्त
वैशाख शुक्ल नवमी तिथि की शुरुआत 16 मई 2024 को प्रातः काल 04 बजकर 52 मिनट पर हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 17 मई को सुबह 07 बजकर 18 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, सीता नवमी 16 मई, गुरुवार के दिन मान्य होगी। इस दौरान सीता नवमी मध्याह्न मुहूर्त सुबह 11 बजकर 08 मिनट से दोपहर 01 बजकर 21 मिनट तक रहने वाला है।
सीता जी की आरती (Sita Mata Aarti)
आरती श्री जनक दुलारी की ।सीता जी रघुवर प्यारी की ॥जगत जननी जग की विस्तारिणी,
नित्य सत्य साकेत विहारिणी,परम दयामयी दिनोधारिणी,सीता मैया भक्तन हितकारी की ॥आरती श्री जनक दुलारी की ।सीता जी रघुवर प्यारी की ॥सती श्रोमणि पति हित कारिणी,पति सेवा वित्त वन वन चारिणी,पति हित पति वियोग स्वीकारिणी,
त्याग धर्म मूर्ति धरी की ॥आरती श्री जनक दुलारी की ।सीता जी रघुवर प्यारी की ॥विमल कीर्ति सब लोकन छाई,नाम लेत पवन मति आई,सुमिरत काटत कष्ट दुख दाई,शरणागत जन भय हरी की ॥आरती श्री जनक दुलारी की ।सीता जी रघुवर प्यारी की ॥यह भी पढ़ें - Sita Navami 2024: इस तरह प्राप्त करें माता जानकी का आशीर्वाद, मिलेगा मनोवांछित फल