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Lok Sabha Election: 'लोकसभा चुनाव में एनडीए 2-0 से आगे', पीएम मोदी ने कोल्हापुर से विपक्ष पर बोला हमला

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( PM Modi ) ने कहा है कि विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए सनातन का अपमान करने वालों को सम्मानित कर रहा है। महाराष्ट्र के कोल्हापुर में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दो चरण के चुनाव संपन्न होने के साथ ही कांग्रेस और आइएनडीआइए गठबंधन दो सेल्फ गोल कर चुके हैं और भाजपा एवं राजग दो गोल से आगे हो गए हैं।

By Jagran News Edited By: Nidhi Avinash Published: Sat, 27 Apr 2024 10:24 PM (IST)Updated: Sat, 27 Apr 2024 10:24 PM (IST)
पीएम मोदी ने कोल्हापुर से विपक्ष पर बोला हमला (Image: BJP4INDIA)

ओमप्रकाश तिवारी, कोल्हापुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए सनातन का अपमान करने वालों को सम्मानित कर रहा है। उन्होंने कहा कि द्रमुक नेताओं ने सनातन को डेंगू और मलेरिया बताया था, लेकिन इंडी गठबंधन उन्हें महाराष्ट्र आमंत्रित करता है और सम्मानित करता है।

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बताते चलें, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के पुत्र और राज्य के मंत्री उदयनिधि ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया से करते हुए इसे खत्म करने की बात कही थी। स्टालिन की पार्टी द्रमुक विपक्षी गठबंधन का हिस्सा है।

दो चरण के चुनाव से क्या चला पता?

महाराष्ट्र के कोल्हापुर में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दो चरण के चुनाव संपन्न होने के साथ ही कांग्रेस और आइएनडीआइए गठबंधन दो सेल्फ गोल कर चुके हैं, और भाजपा एवं राजग दो गोल से आगे हो गए हैं। मोदी ने कहा कि कोल्हापुर महाराष्ट्र का फुटबाल हब भी है। यहां के युवाओं को फुटबाल प्रिय है। इसलिए मैं फुटबॉल की भाषा में कहूं तो दो चरण के चुनावों में कांग्रेस और आइएनडीआइए देशविरोधी एवं नफरत की राजनीति के दो सेल्फ गोल कर चुके हैं। अब तीसरे चरण में गोल दागने की जिम्मेदारी कोल्हापुरवासियों की है।

देशविरोधी एजेंडा एवं तुष्टीकरण की राजनीति शुरू

प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले और दूसरे चरण में हुए एकतरफा मतदान से साफ है कि केंद्र में लगातार तीसरी बार भाजपा-राजग की मजबूत सरकार बनने जा रही है। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर हमला तेज करते हुए कहा कि यह चुनाव विकसित भारत के संकल्प का चुनाव है, लेकिन जैसे ही कांग्रेस एवं आइएनडीआइए को अहसास हुआ कि विकास के एजेंडे पर वह भाजपा और राजग की बराबरी नहीं कर सकते, उन्होंने अपनी रणनीति बदल दी और देशविरोधी एजेंडा एवं तुष्टीकरण की राजनीति शुरू कर दी।

अनुछेद 370 से लेकर CAA तक...

अब वह कश्मीर में अनुच्छेद 370 वापस लाने एवं सीएए खत्म करने की बात करने लगे हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या किसी में हिम्मत है कि मोदी द्वारा लिए गए इन निर्णयों को पलट सके। मोदी ने देश में अस्थिर सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा कि आइएनडीआइए पांच साल में पांच प्रधानमंत्री बनाने के फार्मूले पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि पांच साल में पांच प्रधानमंत्री का सपना देखने वालों को यह देश कभी सहन करने वाला नहीं है। इसलिए ये लोग देश पर गुस्सा उतार रहे हैं।

दक्षिण भारत को तोड़कर अलग देश बनाने की मांग

कर्नाटक और तमिलनाडु में आइएनडीआइए के लोग दक्षिण भारत को तोड़कर अलग देश बनाने की मांग कर रहे हैं। कुछ दिनों पहले दक्षिण भारत के कुछ नेताओं द्वारा कही गई इन बातों को महाराष्ट्र की भावनाओं से जोड़ते हुए प्रधानमंत्री ने छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा अपने राज्याभिषेक समारोह के अवसर पर की गई इस घोषणा को उद्धृत किया कि 'अहद तंजावर, तहद पेशावर, अवघा मुलुख आपला।' अर्थात तंजावुर से पेशावर तक पूरा देश अपना है।

उन्होंने सवाल किया कि जिस धरती पर छत्रपति शिवाजी महाराज ने यह घोषणा की हो, क्या वहां के लोग आइएनडीआइए के मंसूबे को पूरा होने देंगे? बता दें कि यह वर्ष छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक का 350वां वर्ष भी है।

ओबीसी समाज लंबे समय से भाजपा का मतदाता

प्रधानमंत्री ने राम मंदिर में रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के मुद्दे पर भी कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि अयोध्या का अंसारी परिवार राम जन्मभूमि के विरोध में लंबे समय तक मुकदमा लड़ता रहा। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद वह अंसारी भी प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल हुए, लेकिन कांग्रेस के लोग राम मंदिर के ट्रस्टियों द्वारा घर जाकर निमंत्रण देने के बावजूद प्राण प्रतिष्ठा में नहीं आए। उन्होंने सवाल किया कि जो इस प्रकार भगवान राम को ठुकराएगा, उसका आप क्या करेंगे? महाराष्ट्र में ओबीसी समाज लंबे समय से भाजपा का मतदाता रहा है।

मुस्लिमों को ओबीसी कोटे में आरक्षण?

संभवत: इसे ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने कर्नाटक सरकार द्वारा मुस्लिमों को ओबीसी कोटे में आरक्षण देने के फैसले का उल्लेख दोहराया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने इस कर्नाटक माडल को पूरे देश में लागू करना चाहती है। उन्होंने कहा कि 2012 में आइएनडीआइए की सरकार ने यह कोशिश की थी।

तब ये सफल नहीं हो पाए। इसलिए अब कांग्रेस संविधान बदल कर दलित-पिछड़ों का आरक्षण धर्म के नाम पर बांटना चाहती है। ओबीसी के आरक्षण पर ये डाका क्या कोई बर्दाश्त करेगा? बता दें कि देश में वंचितों को आरक्षण देने की शुरुआत देश स्वतंत्र होने से बहुत पहले कोल्हापुर से ही छत्रपति साहूजी महाराज ने की थी, जिनके वंशज आज कोल्हापुर से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं।

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