Parenting Tips: बच्चों को टॉक्सिक रिलेशनशिप से बाहर निकालने के लिए पेरेंट्स अपनाएं ये आसान टिप्स
Parenting Tips अगर आपका बच्चा अपने रिश्ते की बात करने आता है तो आप उनकी बातों को ध्यान से सुनें। किसी भी स्थिति के लिए बच्चे को जिम्मेदार न ठहराएं। बच्चे को कुछ कहने से बेहतर है कि उन्हें सुनें।
दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Parenting Tips: कॉलेज टाइम में बच्चों को प्यार होना सामान्य बात है। इस दौर में लगभग सभी को प्यार होता है। हालांकि, रिश्ते को ताउम्र बरकरार रखना मुश्किल होता है। इसका मुख्य कारण प्यार में तकरार है। एक दूसरे के प्रति सम्मान और स्नेह की भावना नहीं रहने की वजह से प्यार में तकरार होता है। इसके बाद जुदाई का लंबा प्रोसेस चलता है। कई बच्चे प्यार के शाब्दिक अर्थ को सही मायने में समझ नहीं पाते हैं। इस वजह से उन्हें जुदाई के समय उबरने यानी रिलेशनशिप से बाहर निकलने में बहुत तकलीफ होती है। इस स्थिति में बच्चों को सहारे की जरूरत पड़ती है। इसके लिए पेरेंट्स से बेहतर कोई नहीं हो सकता है। आप अपने बच्चे को टॉक्सिक रिलेशनशिप से बाहर निकालने के लिए ये टिप्स फॉलो कर सकते हैं। आइए जानते हैं-
-अगर आपका बच्चा अपने रिश्ते की बात करने आता है, तो आप उनकी बातों को ध्यान से सुनें। किसी भी स्थिति के लिए बच्चे को जिम्मेदार न ठहराएं। बच्चे को कुछ कहने से बेहतर है कि उन्हें सुनें। उन्हें अहसास दिलाएं कि आप उनके साथ हैं। यह बुरा समय भी उसके जीवन से गुजर जाएगा।
-अपने बच्चे पर कोई पाबंदी न लगाएं। वहीं, मदद भी किसी शर्त पर न करें। स्थिति कैसी भी रहें। आप अपने बच्चे के हित में बेहतर करने की कोशिश करें। इससे बच्चे में आत्मविश्वास बढ़ेगा और वह टॉक्सिक रिलेशन से बाहर निकलने के लिए बेहतर फैसले लेने में सफल हो पाएगा।
-अगर बच्चे प्रेम प्रसंग यानी रिलेशनशिप में है, तो बच्चे के पार्टनर के बारे में कुछ भला-बुरा कहना सही नहीं होगा। इससे बच्चे के मन में गलत धारणा आ सकती है। इससे आपके लिए भी उनके मन में सम्मान कम हो सकता है। इसके लिए बच्चे से खुलकर और प्यार से बात करें। उन्हें सब कुछ बताएं।
-अपने बच्चे से ब्रेकअप करने की तब तक सलाह न दें। जब तक बच्चे खुद से सहमति न जताएं। बच्चे खुद समझदार होते हैं। उन्हें पता होता है कि कैसे रिश्ते में आगे बढ़ना है। अगर बच्चे आपसे ओपिनियन लें, तो वक्त की नजाकत के अनुसार फैसले लेने की सलाह दें।
-सबसे जरूरी बात उन्हें जीवन में आगे बढ़ने की सलाह दें। इसके लिए उन्हें स्थिति के अनुसार कैसे आगे बढ़ना है। वह जरूर बताएं। अगर आपका बच्चा जिद्दी और अड़ियल है, तो यह जरूर सुनिश्चित कर लें कि आपके किसी भी कथन से उस पर क्या प्रभाव पड़ सकता है। इसके बाद अपने बच्चे को आगे बढ़ने की टिप्स दें।