खबरों की आपाधापी में देश, समाज और व्यक्ति के सरोकारों से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दे आज पीछे छूटते जा रहे हैं। इन्हीं मुद्दों पर आलोक डालने के उद्देश्य से जागरण न्यू मीडिया ने एक नई पहल ‘जागरण प्राइम’ की शुरुआत की। जागरण प्राइम इन मुद्दों की शिनाख्त करने के साथ उनकी गहन पड़ताल करता है, तथा उनकी जटिलताओं को समझकर समाधान के कार्य बिंदु भी सुझाता है। यह डिजिटल मैगजीन जागरण प्राइम के चुनिंदा लेखों से तैयार की गई है।

पिछले दिनों असम में राज्य सरकार की कार्रवाई के बाद बाल विवाह का मुद्दा काफी चर्चा में रहा। इसी चर्चित विषय की ग्राउंड रिपोर्ट डिजिटल मैगजीन के पहले अंक की आवरण कथा है। अगली दो रिपोर्ट कृषि पर जलवायु परिवर्तन तथा अन्य मानवीय कदमों के प्रभाव पर हैं, जो बताती हैं कि न सिर्फ खाद्य पदार्थों की पैदावार घट रही है, बल्कि उनमें पौष्टिकता का भी अभाव हो गया है। दो रिपोर्ट ‘भारत के भविष्य’ यानी छात्रों की समस्याओं से जुड़ी हैं। चाहे अकादमिक परीक्षा हो या नौकरी की परीक्षा, पेपर लीक की घटनाओं से छात्रों का वक्त और पैसा, दोनों जाया हो रहा है। एक के बाद एक होती पेपर लीक की घटनाओं के बावजूद सरकारों का रवैया काफी लचर है। एक रिपोर्ट साल-दर-साल बढ़ती छात्र खुदकुशी पर है, जिसमें समाधान के तौर पर बताया गया है कि कैसे संकेतों को पहचान कर अभिभावक अपने बच्चों को ऐसा कदम उठाने से रोक सकते हैं। अंत में दो केंद्रीय मंत्रियों- राजीव चंद्रशेखर और कौशल किशोर के इंटरव्यू हैं।

ये लेख और इंटरव्यू jagran.com पर पहले प्रकाशित हो चुके हैं। यह मैगजीन उनका संकलन मात्र है। उम्मीद है कि आपको हमारा यह प्रयास पसंद आएगा। आप अपनी राय हमें primeteam@jagrannewmedia.com पर भेज सकते हैं। आपके बहुमूल्य सुझावों को हम मैगजीन के भावी अंकों में स्थान देने का पूर्ण प्रयास करेंगे।

(यह लेख जागरण प्राइम के जुलाई अंक की मैगजीन में प्रकाशित है)