भाजपा ने संकल्प पत्र के नाम से जो घोषणा पत्र जारी किया, उस पर अन्य दलों के घोषणा पत्रों के मुकाबले अधिक ध्यान दिया जाना और चर्चा होना इसलिए स्वाभाविक है, क्योंकि एक तो वह सत्ता में है और दूसरे, तीसरी बार सरकार बनाने के लिए आश्वस्त दिख रही है। भाजपा ने अपने संकल्प पत्र के माध्यम से न केवल विकसित भारत का खाका पेश किया है, बल्कि देश को आत्मनिर्भर और विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का भरोसा भी दिलाया है। अपने इन वादों को महत्व देने के लिए उसने उन्हें मोदी की गारंटी के रूप में इसीलिए पेश किया है, क्योंकि वह इस समय सबसे लोकप्रिय नेता हैं और भाजपा उनकी छवि और लोकप्रियता के सहारे ही चुनाव जीतने की तैयारी कर रही है। इस सबके साथ यह भी एक तथ्य है कि अन्य दलों की तरह से भाजपा ने भी कुछ लोकलुभावन वादे किए हैं। वर्तमान राजनीतिक माहौल में कोई भी दल ऐसा नहीं जो खुद को लोकलुभावन वादों से अलग कर सके। वास्तव में ऐसे वादे करना राजनीतिक दलों की मजबूरी बन गई है और इसीलिए वे अपने घोषणा पत्रों को संकल्प पत्र, न्याय पत्र, वचन पत्र, परिवर्तन पत्र आदि नाम देने लगे हैं।

भाजपा के संकल्प पत्र में कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं हैं, जिन पर सबका ध्यान जाना स्वाभाविक है। एक तो इस घोषणा पत्र के जरिये यह स्पष्ट किया गया कि मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में समान नागरिक संहिता लाने जा रही है और दूसरे, वह एक साथ चुनाव की दिशा में भी कदम बढ़ाएगी। चूंकि भाजपा अपने प्रमुख मुद्दों में से दो मुद्दे अर्थात जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 की समाप्ति और अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के संकल्प को पहले ही पूरा कर चुकी है इसलिए यह स्वाभाविक ही है कि वह अपने तीसरे प्रमुख मुद्दे यानी समान नागरिक संहिता को अपने अगले कार्यकाल में लागू करके दिखाए। जहां तक एक साथ चुनाव की बात है, भले ही कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने इस विचार का विरोध किया हो, लेकिन समय की मांग है कि एक साथ चुनाव की दिशा में आगे बढ़ा जाए। इससे न केवल राजनीतिक दलों, बल्कि देश की जनता को भी लाभ मिलेगा और रह-रहकर होने वाले चुनावों के कारण शासन प्रशासन की प्राथमिकताओं में जो तब्दीली आती है, उससे भी बचकर विकास और जनकल्याण की दिशा में आगे बढ़ा जा सकेगा। भाजपा ने कुछ अन्य उल्लेखनीय वादे भी किए हैं, जैसे कि 70 वर्ष की आयु के सभी बुजुर्गों को आयुष्मान योजना के दायरे में लाना, मुद्रा लोन की सीमा दस लाख से बढ़ाकर बीस लाख करना, नए सेटेलाइट टाउन बनाना, लेकिन इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती कि स्मार्ट सिटी बनाने का उसका वादा सही ढंग से पूरा नहीं हो सका। भाजपा ने कृषि और किसानों की समस्याओं को दूर करने का भी वादा किया है, लेकिन इस पर विशेष ध्यान दिए बिना बात बनने वाली नहीं है।