Rupee vs Dollar: रुपये में लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में रिकॉर्ड गिरावट, जानें आम आदमी पर क्या होगा इसका असर
Rupee vs Dollar डॉलर के मुकाबले रुपया 80 के स्तर के नीचे जाने के बाद तेजी से फिसल रहा है।सोमवार को रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर 81.52 पर पहुंच गया। इससे ब्याज दर बढ़ने और आयात महंगा होने का खतरा बढ़ गया है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में गिरावट का सिलसिला जारी है। सोमवार को बाजार खुलते ही डॉलर मुकाबले रुपया 43 पैसे गिरकर 81.52 स्तर पर पहुंच गया। यह डॉलर के मुकाबले रुपये का अब तक का सबसे निचला स्तर है।
जानकार रुपये में इस तेज गिरावट के पीछे का कारण वैश्विक अस्थिरता के कारण डॉलर की मजबूती को मान रहे हैं। डॉलर की मजबूती मापने वाली डॉलर इंडेक्स अपने 20 सालों के उच्चतम स्तर 113.90 के आसपास चल रहा है। इसके कारण रुपये पर ही नहीं बल्कि दुनिया की अन्य बड़ी मुद्राओं जैसे ब्रिटिश पाउंड और यूरो भी कई दशकों के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गए हैं। आइए जानते हैं रुपये में इस गिरावट से आम लोगों पर क्या असर पड़ेगा।
ब्याज दर में इजाफा
डॉलर की मजबूती की पीछे की वजह अमेरिका में ब्याज दर बढ़ना भी है, जिसके कारण बड़ी संख्या में अमेरिकी निवेशक दुनिया के बाजारों से पैसा निकालकर अपने देशों में निवेश कर रहे हैं। ऐसे में 28-30 सितंबर के बीच होने वाली मौद्रिक कमेटी की बैठक में आरबीआई ब्याज दर बढ़ाने का ऐलान कर सकता है। वहीं, इसके कारण लोन लेने वाले लोगों पर सकारात्मक जबकि पैसे जमा करने वाले ग्राहकों पर नकारात्मक असर पड़ेगा।
आयात महंगा
रुपये में गिरावट के कारण देश में आयात महंगा हो जाएगा। इससे कारण विदेशों से आने वाली वस्तुओं जैसे कच्चा तेल, मोबाइल, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स (जिनमें आयातित उत्पादों क उपयोग होता है) वह महंगे हो सकते हैं।
विदेश यात्रा
रुपये में गिरावट का सीधा असर विदेश में यात्रा करने वाले लोगों पर पड़ेगा। डॉलर महंगा होने के चलते आपको पहले के मुकाबले अधिक पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं।
विदेश में पढ़ाई और इलाज
डॉलर महंगा होने के कारण विदेशों में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों और इलाज कराने गए लोगों को विदेश में रहने के लिए अधिक धन खर्च करना पड़ सकता है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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