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Pound hits record low: मंदी की आशंका के बीच बढ़ी डॉलर की मांग, ब्रिटिश पाउंड में रिकॉर्ड गिरावट

स्टर्लिंग सोमवार को रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया क्योंकि निवेशकों ने डॉलर की खरीदारी तेज कर दी। उच्च ब्याज दरों और आगे खराब विकास की संभावना से बाजार में घबराहट का माहौल है। पाउंड में गिरावट आगे भी जारी रह सकती है।

By Siddharth PriyadarshiEdited By: Published: Mon, 26 Sep 2022 09:29 AM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2022 09:29 AM (IST)
Pound hits record low: मंदी की आशंका के बीच बढ़ी डॉलर की मांग, ब्रिटिश पाउंड में रिकॉर्ड गिरावट
Pound hits record low against dollar on growing recession fears

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। मंदी की आशंका और विकास दर में जबरदस्त गिरावट के चलते सोमवार को डॉलर के मुकाबले ब्रिटिश पाउंड रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया। नए वित्त मंत्री क्वासी क्वार्टेंग द्वारा विवादास्पद टैक्स-कटिंग मिनी-बजट का ऐलान करने के बाद व्यापारियों को ब्रिटेन की गहरी मंदी का डर बढ़ रहा है।

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रायटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, क्वासी क्वार्टेंग (Kwasi Kwarteng) द्वारा टैक्स कटौती पर दिए गए बयान के बाद पाउंड 4.5% से अधिक गिरकर रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया। बता दें कि क्वासी क्वार्टेंग ने टैक्स कटौती पर विवादास्पद घोषणा ऐसे समय की है, जब समस्य वित्तीय बाजारों ने ट्रेजरी की हालात और राजकोषीय नीतियों पर चिंता जताई है।

ग्रोथ प्लान से टूटा बाजार?

शुक्रवार को सरकार का "ग्रोथ प्लान" जारी होने के बाद बाजार पहले ही बिकवाली के दबाव में था। उसके बाद पिछले 50 सालों में करों में सबसे कम कटौती के ऐलान पर बाजार ने गहरी प्रतिक्रिया दी। आखिरकार इन सबका परिणाम पाउंड स्टर्लिंग की कीमत पर पड़ा। सोमवार को एशिया ट्रेडिंग में पाउंड रिकॉर्ड निम्न स्तर 1.0350 प्रति डॉलर पर गिर गया। एक समय तो पाउंड लगभग 5% गिरकर 1.0327 डॉलर पर आ गया था। यह 1985 के निम्न स्तर से नीचे टूट गय। बता दें कि पिछले सत्रों में ब्रिटिश मुद्रा 7% नीचे है।

अन्य करेंसी पर भी बढ़ा दबाव

यदि इस सप्ताह यह सिलसिला जारी रहता है तो यह सरकार के लिए शर्मिंदगी से अधिक एक गहरे संकट में फंसने का जोखिम होगा। मुमकिन है इससे मजबूर होकर सरकार को कुछ कदम उठाने पड़ सकते हैं। पतन ने डॉलर को व्यापक रूप से मजबूत किया। यह ऑस्ट्रेलियाई, कीवी मुद्राओं के मुकाबले शीर्ष पर पहुंच गया। स्टॉक में MSCI का जापान के बाहर एशिया-प्रशांत शेयरों का सबसे बड़ा सूचकांक 1% नीचे दो साल के निचले स्तर पर था। यह 11% के मासिक नुकसान की ओर बढ़ रहा है, जो मार्च 2020 के बाद सबसे बड़ा है। जापान का निक्केई 2.2% गिर गया।

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