OTT प्लेटफॉर्म पर एंटी टौबैको विज्ञापन के खिलाफ IAMAI ने जताई चिंता, कहा-नियम का पालन करना मुश्किल
समाज में तंबाकू के सेवन में कमी लाने के लिए सरकार की स्वास्थ्य मंत्रालय ने ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए गाइ़डलाइन जारी की थी जिसमें धूम्रपान और शराब के सेवन के सीन के वक्त वार्निंग लेबल लगाने की बात कही गई थी।
नई दिल्ली,बिजनेस डेस्क: समाज में तंबाकू सेवन को रोकने के लिए केंद्र सराकर ने कुछ दिन पहले नए नियम बनाए थे जसमें देश में मौजूद सभी OTT प्लेटफॉर्म को एंटी टौबैको के संदेश वाले विज्ञापन दिखाने को कहा था।
सरकार ने तर्क दिया था कि सिनेमा घरों और टीवी सीरियल में जैसे विज्ञापन दिखाया जाता है वैसे ही ओटीटी पर भी दिखाया जाए। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक दिग्गज ओटीटी प्लेटफार्म नेटफ्लिक्स (Netflix), अमेजन (Amazon Prime) और डिज्नी (Disney) ने सरकार के इन नियमों को मानने से इंकार कर दिया है।
इस वजह से नियम का पालन करना मुश्किल
इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) ने बताया कि सरकार की ओर से जारी ये नियमों का पालन करना वास्तविक में असंभव है। IAMAI ने बताया कि यह कंटेंट क्रिएटर की आजादी के खिलाफ है और देश में मौजूदा ओटीटी प्लेटफॉर्म के पास कई भाषाओं में बॉलीवुड और हॉलीवुड का कंटेंट है और लाखों घंटो के कंटेंट को एडिट कर उसमें विज्ञापन डालना असंभव है।
सरकार ने कौन सा नियम बनाया था?
स्वास्थ मंत्रालय ने एंटी-टोबैको का मैसेज जन-जन तक पहुंचाने के लिए ओटीटी कंटेंट के लिए एक गाइडलाइन जारी किया था। इन नियमों के मुताबिक ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को स्मोकिंग और ड्रिंकिंग के सीन के वक्त वॉर्निंग लेबल डालने को कहा गया था।
इतना ही नहीं बल्कि हर इंडियन कंटेंट की शुरुआत और बीच में 50 सेकेंड का वीडियो डिस्क्लेमर दिखाने का भी आदेश दिया गया था।
देश में ओटीटी के लिए फिलहाल कोई नियम नहीं
फिल्मों की तरह ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए फिलहाल देश में सेंसरशिप सहित अन्य कोई भी नियम नहीं हैं। आपको बता दें कि देश में पिछले कुछ वक्त को ओटीटी के लिए भी सेंसरशिप लाने की बात कही जा रही है। दरअसल ओटीटी प्लैटफॉर्म में फिल्मों की तरह सेंसर बोर्ड का कोई नियम नहीं चलता।
अब सरकार टेबैको नियमों को लेकर आई थी जिसे ओटीटी ने मानने से इंकार कर दिया है। फिलहाल देश में ओटीटी के उपर किसी तरह की कोई भी नियम लागू नहीं है।