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Bihar Pollution: आपके घरों के अंदर तक पहुंचा प्रदूषण, पटना समेत कई जिलों की हवा की गुणवत्ता बेहद खराब

Bihar Pollution राज्य के कई जिलों की हवा की गुणवत्ता इस कदर खराब हो चुकी है कि लोगों का दम फूलने लगा है। वेंटिलेशन और जागरूकता के अभाव में सुरक्षित समझे जाने वाले घर भी इससे अछूते नहीं हैं।

By Pawan MishraEdited By: Ashish PandeyPublished: Tue, 06 Dec 2022 09:40 AM (IST)Updated: Tue, 06 Dec 2022 09:40 AM (IST)
Bihar Pollution: आपके घरों के अंदर तक पहुंचा प्रदूषण, पटना समेत कई जिलों की हवा की गुणवत्ता बेहद खराब
घर के अंदर तक पहुंचा प्रदूषण, फेफड़ों को कर रहा बीमार

जागरण संवाददाता, पटना: राजधानी समेत प्रदेश के कई जिलों की हवा की गुणवत्ता इस कदर खराब हो चुकी है कि लोगों का दम फूलने लगा है। वेंटिलेशन और जागरूकता के अभाव में सुरक्षित समझे जाने वाले घर भी इससे अछूते नहीं हैं। नतीजा सिर्फ ब्रांकाइटिस और अस्थमा ही नहीं फेफड़ों के कैंसर तक के रोगियों की संख्या देश व प्रदेश में तेजी से बढ़ रही है। ये बातें पीएमसीएच के एसोसिएट प्रोफेसर सह श्वसन रोग विशेषज्ञ डा. बीके चौधरी ने कहीं।

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उनके अनुसार फ्रिज, एसी, टीवी, लैपटाप, सीएफएल, कंप्यूटर, मिक्सी, ओवन आदि आधुनिक जीवनशैली का हिस्सा बन चुके हैं। इनसे निकलने वाली गैस अपेक्षाकृत वायुरोधी होती है, इससे घर के अंदर की हवा स्थिर हो जाती है। इसके अलावा खाना बनाते समय तेल जलने, मच्छर भगाने की क्वायल व रिपेलेंट, धूपबत्ती, झाड़ू, नमी व जमा धूल आदि से भी प्रदूषण का स्तर बढ़ता है। कुल मिलाकर घर के अंदर की हवा भी सांस लेने के अनुकूल नहीं रह जाती है।

यही कारण है कोरोना काल के बाद जब वायु प्रदूषण बहुत कम हो गया अब सीओपीडी, अस्थमा, हृदय रोग, माइग्रेन, डिप्रेशन और तनाव के मामले तेजी से बढ़े हैं। हैरतअंगेज ढंग से फेफड़ों के कैंसर के रोगी बढ़ रहे हैं। इसका एक बड़ा कारण घर और बाहर का वायु प्रदूषण है। यह खतरा इतना बड़ा है कि चंद दिन बाद एम्स पटना में विभिन्न पहलुओं पर सेमिनार आयोजित किया जा रहा है। जिसमें फेफड़े के कैंसर के बढ़ते मामलों का तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत किया जाएगा। इंडियन पाल्यूशन कंट्रोल एसोसिएशन (आइपीसीए) के शोध के अनुसार, घर में 2.5 पीपीएम का स्तर सुबह छह से नौ बजे और रात नौ से 12 बजे के बीच सबसे ज्यादा रहता है। इस दौरान घरों के खिड़की-दरवाजे बंद रखने चािहए।

बचाव के लिए करें ये उपाय

  • घर से बाहर जाने पर मास्क पहनें यह धूल-धुएं के साथ टीबी, स्वाइन फ्लू से भी बचाव करेगा।
  • बाइक सवार जरूर मास्क पहनें क्योंकि तेज गति के साथ धूल-धुएं के कण सीधे सांस नली व खून तक पहुंच कर घातक साबित हो सकता है।
  • घर के आसपास खाली जगह में पीपल, बरगद, पाकड़, जामुन, नीम, हरसिंगार, अशोक, अर्जुन, महुआ, कनेर आदि पेड़ लगाएं।
  • घर के अंदर बैम्बू पाम, पीस लिली, जेरबेरा डेजी, स्नेक प्लांट, अरेका पाम, स्पाइडर प्लांट आदि लगाएं, इससे प्रदूषण कम होता है।
  • नौ बजे के बाद खिड़की-दरवाजे खोलकर हवा व धूप को घर के अंदर आने दें।
  • रसोईघर, शौचालय व बंद कमरों में एग्जास्ट फैन लगवाएं। एसी में बेहतर गुणवत्ता का फिल्टर लगाएं।

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