तेजस्वी यादव से सवाल पूछने पर राजद ने भाजपा को घेरा, केंद्र सरकार पर लगाया नौकरियां चुराने का आरोप
Bihar Politics सरकारी नौकरियों और रोजगार के मसले पर तेजस्वी यादव से सवाल पूछे जाने पर राजद ने भाजपा पर किया जवाबी हमला पार्टी के प्रवक्ता बोले- रिक्तियां चुराने वालों को तेजस्वी से प्रश्न करने की हैसियत नहीं
By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Sat, 13 Aug 2022 09:49 PM (IST)Updated: Sat, 13 Aug 2022 09:49 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Politics: राजद ने भाजपा पर बेरोजगारी बढ़ाने का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार करोड़ों रिक्तियां चुरा कर बैठी है और लाखों की उम्र सीमा समाप्त होते जा रही है। इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा। ऐसे लोग किस हैसियत से उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से सवाल कर रहे हैं। भाजपा नेताओं में शर्म है, तो दूसरों से पूछने के बजाय अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।
राजद कार्यालय में शनिवार को प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने एजाज अहमद, रितू जायसवाल, पीके चौधरी, संजय यादव, डा. प्रेम गुप्ता एवं निर्भय अंबेडकर के साथ प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि नई सरकार बनने के दिन से ही भाजपा नेता हजारों सवाल कर रहे हैं, जबकि तेजस्वी यादव ने स्पष्ट किया है कि नौकरी और रोजगार देने के प्रति सरकार गंभीर है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं पहल कर रहे हैं। एक-दो महीने में परिणाम सामने आने लगेगा। उनकी उपलब्धि है कि करोड़ों रिक्तियां चुराने वाली भाजपा को भी बेरोजगारों की याद आने लगी है।
राजद प्रवक्ता ने भाजपा से जानना चाहा है कि देश में प्रतिवर्ष दो करोड़ रोजगार और बिहार में 19 लाख नौकरी देने के वादे का क्या हुआ? पिछले 14 जून को प्रधानमंत्री ने 18 महीने में दस लाख नौकरी देने की घोषणा की थी। अभी तक एक भी नहीं मिली। राजद प्रवक्ता ने कहा कि केंद्रीय सेवाओं में रिक्तियां बढ़ती जा रही हैं। आठ वर्षों में मात्र 7. 22 लाख नौकरियां ही दी गई हैं, जबकि 22.05 करोड़ आवेदन किए गए हैं।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि 2014-15 में एक लाख 30,423 को नौकरी दी गई। वहीं 2015-16 में एक लाख 11807 और 2016-17 में एक लाख 1333 नौकरी ही दी जा सकी। इसी तरह 2017-18 में यह संख्या घटकर 76147 और 2018-19 में मात्र 38100 रह गई। लोकसभा चुनाव को देखते हुए 2019-20 में एक लाख 47,096 नौकरी दी गई थी। 2021-22 में फिर नौकरी पाने वालों की संख्या घटकर 38,850 रह गई। केंद्र सरकार के कुल 40 लाख 35 हजार पदों में पिछले वर्ष तक नौ लाख 80 हजार पद खाली थे, जिनकी संख्या आज 12 लाख से ज्यादा हो गई है।
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