Tesla vs Tesla: टेस्ला ने दिल्ली हाई कोर्ट में दायर किया ट्रेडमार्क उल्लंघन का मामला, 22 मई को होगी मामले की अगली सुनवाई
अमेरिकी कार निर्माता कंपनी ने सुनवाई के दौरान कहा कि गत अप्रैल 2022 में कानूनी नोटिस भेजे जाने के बावजूद भारतीय कंपनी ने टेस्ला पावर ब्रांड के साथ अपने उत्पादों का विज्ञापन करना जारी रखा। इस दौरान भारतीय कंपनी टेस्ला पावर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने दलील दी कि उसका मुख्य व्यवसाय बैटरी बनाना है और इलेक्ट्रिक वाहन बनाने का उसका कोई इरादा नहीं है।
रायटर्स, नई दिल्ली। अमेरिकी कार निर्माता कंपनी टेस्ला ने गुरुग्राम की बैटरी निर्माता कंपनी टेस्ला पावर के खिलाफ ट्रेडमार्क का उल्लंघन का आरोप लगाते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में मामला दायर किया है। अमेरिकी कंपनी ने कोर्ट से हर्जाने और ट्रेडमार्क के उपयोग के लिए स्थायी निषेधाज्ञा की मांग की। हाई कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 22 मई की तारीख तय की है।
अमेरिकी कार निर्माता कंपनी ने सुनवाई के दौरान कहा कि गत अप्रैल 2022 में कानूनी नोटिस भेजे जाने के बावजूद भारतीय कंपनी ने टेस्ला पावर ब्रांड के साथ अपने उत्पादों का विज्ञापन करना जारी रखा।
इस दौरान भारतीय कंपनी टेस्ला पावर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने दलील दी कि उसका मुख्य व्यवसाय बैटरी बनाना है और इलेक्ट्रिक वाहन बनाने का उसका कोई इरादा नहीं है। इस पर हाई कोर्ट के न्यायाधीश ने भारतीय कंपनी को अपना लिखित जवाब दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया।
टेस्ला पावर के मनोह पाहवा ने कहा कि उनकी कंपनी मस्क की टेस्ला से बहुल पहले से भारत में मौजूद है और उसने सरकार से सभी अनुमति ली हैं। हमने मस्क की टेस्ला से संबंधित होने का कभी दावा नहीं किया। बता दें कि भारतीय बैटरी निर्माता कंपनी टेस्ला पावर का मुख्यालय भी अमेरिकी कार निर्माता कंपनी की तरह ही अमेरिका के डेलावेयर में है।
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