नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। मध्य प्रदेश राज्य में वाहन का परमानेंट पंजीकरण कराना अनिवार्य है। शोरूम में जब आप कार लेने जाते हैं तो आपको तत्काल नंबर मिलता है लेकिन उसके बाद ही वो नंबर परमानेंट हो जाता है। आपको स्थायी पंजीकरण की सारी प्रकिया मालूम होनी चहिए।

आपको ये पता होना चहिए कि मध्य प्रदेश में वाहन के स्थायी पंजीकरण के लिए कैसे आवेदन करें।अगर आप वाहन के मालिक हैं तो आपको सबसे पहले आरटीओ ऑफीस जाना होगा वहा पर दजाकर आप फॉर्म खरीद सकते हैं. फॉर्म को खरीदने के लिए आपसे कुछ शुल्क लेते हैं। आपको वाहन का फॉर्म भी जमा करना होगा। इसके बाद पंजीकरण प्रक्रिया शुरु होजाएगी।

जरूरी दस्तावेज 

  • अस्थायी आर.सी
  • आयातित वाहन के लिए सीमा शुल्क निकासी
  • निकासी प्रमाण पत्र के साथ आयकर दस्तावेज
  • फॉर्म  21
  • प्रमाण पत्र के साथ बीमा दस्तावेज
  • पते का प्रमाण पत्र
  • आधार कार्ड
  • पीयूसी प्रमाणपत्र
  • पैन कार्ड
  • तस्वीरें

इंजन और चेसिस के नंबर रिकॉर्ड किए जाते हैं

आपको बता दे पेंसिल ट्रेसिंग के जरिए इंजन और चेसिस के नंबर रिकॉर्ड किए जाते हैं। इन नंबरों को कार के रजिस्ट्रेशन नंबर से मिलाया जाता है। इन वाहनों को परिवहन विभाग से फिटनेस सर्टिफिकेट लेना होता है।  मप्र में कार, बाइक आदि जो कॉर्मशियल नहीं हैं, उनके लिए वैधता अवधि पंजीकरण की तारीख से 15 साल है। कमर्शियल व्हीकल की वैधता एक साल की है।

फैंसी नंबर के लिए कैसे करें अप्लाई

अगर आप एमपी में अपने लिए वीआईपी नंबर लेना चाहते हैं तो आपको इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। फैंसी नंबर की नीलामी होगी और सबसे अधिक ज्यादा बोली लगाने वाले को पसंदीदा नंबर मिल जाएगा। इसकी प्रक्रिया काफी आसान है,आपको आरटीओ कार्यालय से अपेक्षित प्रपत्र को प्राप्त करना होगा। फॉर्म भरकर इसके लिए निर्धारित शुल्क के साथ जमा करना होगा। आप इस फॉर्म को ऑनलाइन भी डाउनलोड कर सकते हैं।

फॉर्म जमा करने और पैसे के भुगतान के बाद आपको इंजन नंबर और चेसिस नंबर का उल्लेख करना होगा। परिवहन विभाग के अधिकारी निरीक्षण करेंगे और फिर वाहन के बाद रजिस्ट्रेशन पूरा किया जाएगा।

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Edited By: Ayushi Chaturvedi