Move to Jagran APP

छोटे कणों की मदद से अब शरीर के हर हिस्से में जा पाएगी दवा, वैज्ञानिकों ने इजाद किया नया तरीका

वैज्ञानिकों का दावा है कि शरीर के भीतरी अंगों तक दवाएं पहुंचाने के लिए ये कण एक नया मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 09:56 AM (IST)Updated: Mon, 14 Oct 2019 09:56 AM (IST)
छोटे कणों की मदद से अब शरीर के हर हिस्से में जा पाएगी दवा, वैज्ञानिकों ने इजाद किया नया तरीका
छोटे कणों की मदद से अब शरीर के हर हिस्से में जा पाएगी दवा, वैज्ञानिकों ने इजाद किया नया तरीका

लंदन, प्रेट्र। वैज्ञानिकों ने वायरस से प्रेरित होकर मस्तिष्क तक सीधे दवाएं पहुंचाने का नया तरीका खोज निकाला है। इससे मस्तिष्क से जुड़ी बीमारियों के इलाज में मदद मिल सकती है। वैज्ञानिकों ने पहली बार वायरस के आकार के छोटे कणों का निर्माण किया है, जो रक्त वाहिकाओं के जरिये यह शरीर के हर हिस्से में पहुंच सकते हैं। वैज्ञानिकों का दावा है कि शरीर के भीतरी अंगों तक दवाएं पहुंचाने के लिए ये कण एक नया मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं।

loksabha election banner

नेचर कम्युनिकेशन जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, नई विधि के जरिये दवाओं को शिराओं के माध्यम से उचित स्थान तक पहुंचाया जा सकता है और ये सूक्ष्म कण ब्लड-ब्रेन-बैरियर (बीबीबी) को भी आसानी से पार कर सकते हैं। बीबीबी मस्तिष्क में मौजूद एक अवरोधक है जो मस्तिष्क से रक्त और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में बाह्य तरल पदार्थ को अलग करता है।

इस अध्ययन के शोधकर्ताओं में ब्रिटेन की न्यूकैसल यूनिवर्सिटी के शोधार्थी भी शामिल थे। इसमें शोधकर्ताओं ने यह बताया है कि कैसे बैक्टीरियाफेज एफडी नामक बैक्टीरिया को लक्षित करने वाले एक वायरस के घटकों में बदलाव कर दवाओं को बीबीबी के पार पहुंचाया जा सकता है। अध्ययन में यह पाया गया कि जब छोटे बालों के आकार के कणों को चूहों के भीतर भेजा गया तो इन कणों ने आसानी से बीबीबी को पार कर मस्तिष्क को तो लक्षित किया ही, साथ ही न्यूरॉन्स और मस्तिष्क की अन्य कोशिकाओं तक अपनी पहुंच भी बनाई।

जोखिम भरे हैं वर्तमान इलाज के तरीके

शोधकर्ताओं के मुताबिक, ‘ज्यादातर दवाएं मस्तिष्क के मुख्य भाग तक पहुंचने से पहले ब्रेन का सुरक्षा चक्र कहे जाने वाले बीबीबी की परिधि में आने के बाद बाहर हो जाती हैं। ऐसे में बीमारी का इलाज करने में परेशानी आती है और ऐसी स्थिति में वर्तमान में उपचार के जो तरीके हैं वे बेहद जोखिम भरे हैं।’

कुछ वायरस बायपास के जरिये करते हैं प्रवेश

न्यूकैसल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता और इस अध्ययन के मुख्य लेखक मोइन मोघिमी ने कहा, ‘ केंद्रीय तंत्रिका तंत्र की बीमारियों और पार्किंसन, अल्जाइमर और हंटिंगटन जैसे कई न्यूरोलॉजिकल रोगों के प्रभावी इलाज में सबसे बड़ी बाधा ब्लड-ब्रेन-बैरियर को पार करने की होती है। हालांकि, उन्होंने कहा कि कुछ वायरस बीबीबी को बायपास करके मस्तिष्क में प्रवेश करने के तरीके भी ढूंढ लेते हैं।

दवा वितरण का नया तरीका

मोघिमी ने कहा, ‘हम अपने शोध से बहुत उत्साहित हैं। दवाओं के वितरण की हमारी नई प्रणाली बहुमुखी है और संशोधनों के अनुकूल है। शोधकर्ताओं ने कहा कि नई प्रणाली एक दशक से अधिक समय तक किए गए शोध केआधार पर तैयार की गई, जो दवाओं के वितरण में आने वाली बाधाओं पर आसानी से पार पा सकती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.