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असांजे ब्रिटेन में जमानत की शर्ते तोड़ने के दोषी करार, एक साल तक की हो सकती है सजा

लंदन में विकिलीक्स के संस्थाप को गिरफ्तार कर लिया गया।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Thu, 11 Apr 2019 03:30 PM (IST)Updated: Thu, 11 Apr 2019 10:10 PM (IST)
असांजे ब्रिटेन में जमानत की शर्ते तोड़ने के दोषी करार, एक साल तक की हो सकती है सजा
असांजे ब्रिटेन में जमानत की शर्ते तोड़ने के दोषी करार, एक साल तक की हो सकती है सजा

लंदन, प्रेट्र/रायटर। दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका की संवेदनशील खुफिया जानकारियों को विश्व के सामने लाकर तहलका मचाने वाले विकीलीक्स के सह संस्थापक जूलियन असांजे को ब्रिटेन की एक अदालत ने जमानत की शर्ते तोड़ने का दोषी करार दिया है। ब्रिटिश पुलिस ने असांजे को एक्वाडोर दूतावास से गुरुवार सुबह गिरफ्तार किया था। वह पिछले सात साल से लंदन स्थित एक्वाडोर दूतावास में रह रहे थे। एक्वाडोर ने उन्हें प्रदान की गई राजनयिक शरण वापस ले ली, जिसके बाद वहां के राजदूत ने पुलिस को बुलाकर असांजे को गिरफ्तार करा दिया।

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एक साल की हो सकती है सजा
मूलरूप से ऑस्ट्रेलियाई नागरिक असांजे पर स्वीडन में यौन हमले का आरोप लगा था। इस मामले में लंदन स्थित वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत ने 29 जून, 2012 को गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। कोर्ट ने उन्हें सरेंडर करने को कहा था, लेकिन असांजे ने गिरफ्तारी से बचने के लिए एक्वाडोर के दूतावास में शरण ले ली थी। इसी मामले में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत ने उन्हें जमानत की शर्ते तोड़ने का दोषी ठहराया है। उन्हें 12 महीने तक की सजा हो सकती है। अदालत ने अगले महीने सजा सुनाए जाने तक उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। असांजे ने अदालत में खुद को निर्दोष बताया, लेकिन अदालत ने उनकी दलीलें नहीं मानी।

अमेरिकी प्रत्यर्पण वारंट पर सुनवाई अगले महीने
जिला जज माइकल स्नो की अदालत में असांजे के खिलाफ अमेरिकी प्रत्यर्पण वारंट पर भी सुनवाई होगी। जज ने 2 मई को वीडियोलिंक के जरिए इस मामले में असांजे की पेशी के आदेश दिए हैं। अमेरिकी न्याय विभाग ने उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है। लंदन पुलिस ने इस मामले में भी असांजे को गिरफ्तार किया है।

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप का आरोप
असांजे पर साल 2016 में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप का भी आरोप है। उनकी वेबसाइट विकीलीक्स ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन और डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी के हजारों ईमेल प्रकाशित किए और इसका असर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव पर भी पड़ा। उनके खिलाफ रूसी हैकर्स की मदद से क्लिंटन और डेमोक्रेटिक पार्टी के कंप्यूटरों से दस्तावेज चोरी करने का भी आरोप है। इसी संबंध में पिछले साल जुलाई में न्याय विभाग ने कंप्यूटरों को हैक करने के साथ 12 रूसी खुफिया अधिकारियों को आरोपी बनाया था।

आगे क्या हो सकता है
खुफिया जानकारियां सार्वजनिक करने के मामले में अमेरिका को असांजे की तलाश है। चूकि असांजे की गिरफ्तारी अमेरिकी प्रत्यर्पण वारंट के तहत भी हुई है, इसलिए उनके समर्थकों द्वारा आशंका जताई जा रही है कि अंत में असांजे को अमेरिका प्रत्यर्पित किया जा सकता है। एक्वाडोर दूतावास में शरण लेते वक्त असांजे ने भी यही आशंका जताई थी। तब उन्होंने कहा था कि अमेरिका में उन्हें मौत की सजा या यातना दी जा सकती है।

मौत की सजा वाले देश में प्रत्यर्पण नहीं
एक्वाडोर के राष्ट्रपति लेनिन मोरीनो ने सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो संदेश में कहा है कि उन्होंने ब्रिटेन से यह गारंटी ली है कि असांजे का प्रत्यर्पण उस देश में नहीं किया जाएगा, जहां मौत की सजा का प्रावधान हो या उन्हें यातना दी सकती हो। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन की सरकार ने उन्हें लिखित में ऐसा नहीं करना का भरोसा दिलाया है। मोरीनो ने असांजे पर राजनयिक शरण की शर्तो का बार-बार उल्लंघन करने का आरोप भी लगाया।

एक्वाडोर ने नागरिकता निलंबित की
दक्षिण अमेरिकी देश एक्वाडोर ने असांजे को अपने देश की नागरिकता भी प्रदान की थी। एक्वाडोर के विदेश मंत्री ने गुरुवार को कहा कि असांजे की नागरिकता को बुधवार को निलंबित कर दिया गया।


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