Move to Jagran APP

स्पेन की अदालत में असांजे से 'जबरन वसूली' की शिकायत, स्पैनिश नागरिकों पर जासूसी का आरोप

विकीलीक्स संस्थापक जूलियन असांजे लंदन स्थित इक्वाडोर के दूतावास में सात वर्षों तक शरण लिए हुए थे। असांज को 11 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sun, 28 Apr 2019 09:11 AM (IST)Updated: Sun, 28 Apr 2019 09:11 AM (IST)
स्पेन की अदालत में असांजे से 'जबरन वसूली' की शिकायत, स्पैनिश नागरिकों पर जासूसी का आरोप
स्पेन की अदालत में असांजे से 'जबरन वसूली' की शिकायत, स्पैनिश नागरिकों पर जासूसी का आरोप

मैड्रिड, एएफपी। विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे के वकीलों ने स्पेन की एक अदालत में स्पेन के नागरिकों के एक समूह के खिलाफ असांजे और इक्वाडोर के विदेश मंत्रालय से जबरन वसूली करने की शिकायत दाखिल की है। असांजे की बचाव टीम के एक सूत्र ने शनिवार को यह जानकारी दी।

loksabha election banner

लंदन स्थित इक्वाडोर के दूतावास में सात वर्षों तक शरण लिए हुए 47 साल के असांजे को 11 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था। इक्वाडोर द्वारा शरण वापस लिए जाने के बाद असांजे की गिरफ्तारी हुई थी। अमेरिकी सेना से जुड़ी खुफिया सूचनाओं से लेकर अमीरों की कर चोरी तक की कई सनसनीखेज जानकारियों को सामने लाने वाले असांजे अब 2012 में ब्रिटेन में अपनी जमानत की शर्त उल्लंघन के मामले में सजा का इंतजार कर रहे हैं।

स्पैनिश मीडिया की खबरों के मुताबिक, चार स्पैनिश नागरिकों के पास असांजे के वीडियो और निजी दस्तावेज हैं। ऑनलाइन अखबार एलडियारियो डॉट ईएस ने कहा कि उन्हें दूतावास में लगी कथित जासूसी प्रणाली के जरिए यह चीजें मिलीं। खुफिया प्रणाली के तहत सुरक्षा कैमरे लगाए गए थे और कर्मी असांजे द्वारा इस्तेमाल में लाए जा रहे हर दस्तावेज की तस्वीरें लेते थे। उन्होंने कथित तौर पर 33 लाख अमेरिकी डॉलर की जबरन वसूली करने की कोशिश की। 'नेशनल कोर्ट' ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

गौरतलब है कि 47 वर्षीय इस आस्‍ट्रेलियाई को ब्रिटिश पुलिस ने इक्‍वाडोर एंबेसी से पिछले दिनों शरण का दर्जा खत्‍म करने पर गिरफ्तार किया था। असांजे एंबेसी के एक छोटे अपार्टमेंट रह रहा था, जहां उसने स्‍वीडन में दुष्‍कर्म के मामले में जांच का सामना करने पर शरण ली थी। बाद में दावा किया गया कि उसे छोड़ दिया गया है। असांजे ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि ये आरोप राजनीति से प्रेरित थे। उस समय पर उन्हें प्रत्यर्पित करने की साजिश की आशंका व्यक्त की गई थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.