धरती सरीखे तापमान वाले इस ग्रह पर जीवन के अनुकूल हो सकता माहौल; इस तरह की गई खोज
के2-18बी ऐसा पहला ज्ञात ग्रह है जिस पर पानी और धरती जैसा तापमान दोनों पाया गया है। इसलिए यह ग्रह रहने योग्य हो सकता है।
लंदन, प्रेट्र। खगोलविदों को हमारे सौर मंडल के बाहर एक ग्रह पर पानी खोजने में पहली बार सफलता मिली है। इस ग्रह के वातावरण में पानी की मौजूदगी पाई गई है। इसका तापमान भी हमारी धरती सरीखा है। इसलिए उम्मीद जताई गई है कि इस पर जीवन के अनुकूल माहौल हो सकता है।
नेचर एस्ट्रोनॉमी जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, के2-18बी ऐसा पहला ज्ञात ग्रह है, जिस पर पानी और धरती जैसा तापमान दोनों पाया गया है। इसलिए यह ग्रह रहने योग्य हो सकता है। इसका द्रव्यमान हालांकि धरती से आठ गुना ज्यादा है। शोधकर्ताओं ने बताया कि के2-18बी ग्रह अपने दूरस्थ बौने तारे के2-18 की परिक्रमा करता है। यह हमारी धरती से 110 प्रकाश वर्ष दूर लियो तारामंडल में स्थित है। खगोलविदों का कहना है कि किसी तारे की परिक्रमा कर रहे ग्रह के वातावरण में पहली बार सफलतापूर्वक पानी की पहचान की गई है।
इस ग्रह पर पानी का अस्तित्व तरल रूप में भी हो सकता है। ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के शोधकर्ता एंजलोस सियारस ने कहा, 'धरती के अलावा एक संभावित रहने योग्य ग्रह पर पानी मिलना अविश्वसनीय और उत्साहजनक है। के2-18बी दूसरी धरती नहीं है क्योंकि यह बहुत भारी है। इसका वायुमंडलीय संयोजन भी भिन्न है। लेकिन इस खोज से हम उस मौलिक सवाल का जवाब देने के करीब पहुंच रहे हैं कि क्या धरती अनूठी है?'
इस तरह की गई खोज
खगोलविदों ने ईएसए/नासा हब्बल स्पेस टेलीस्कोप द्वारा साल 2016 से 2017 के दौरान जुटाए गए आंकड़ों का अध्ययन किया। इन आंकड़ों के जरिये के2-18बी के वातावरण के विश्लेषण के आधार पर पानी की पहचान की गई।
हाइड्रोजन और हीलियम के मिले संकेत
शोधकर्ताओं ने कहा कि जलवाष्प की निशानी से यह संकेत मिल रहा है कि ग्रह के वातावरण में हाइड्रोजन और हीलियम की मौजूदगी भी हो सकती है। उनका यह भी मानना है कि के2-18बी ग्रह के वातावरण में नाइट्रोजन और मीथेन होने के भी संकेत मिले हैं। लेकिन मौजूदा निरीक्षणों में इनकी पहचान नहीं हो पा रही है।
पानी की मात्रा का अनुमान लगाना बाकी
शोधकर्ताओं का कहना है कि यह अनुमान लगाने के लिए और अध्ययन करने की जरूरत है कि के2-18बी ग्रह पर बादलों का कितना कवरेज है? और इसके वातावरण मेंे कितने फीसद पानी है?
2015 में मिला था यह ग्रह
वर्ष 2015 में नासा के केपलर अंतरिक्षयान ने के2-18बी ग्रह की खोज की थी। यह जिस लाल बौने तारे की परिक्रमा करता है, वह बेहद ठंडा है।
यह भी पढ़ेंः Chandrayaan-2: विक्रम से बात होगी या नहीं, ऐसे हो रही संपर्क साधने की कोशिश