नई अमेरिका-अफगान नीति सीमापार आतंकवाद रोकने में होगी कारगर- विशेषज्ञ
फ्रांस और कनाडा में अफगानिस्तान के पूर्व राजदूत उमर सामद ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप की दक्षिण एशियाई नीति पाकिस्तान पर आतंकवादियों को आश्रय नहीं देने के लिए दबाव बनाएगी।
लंदन (एएनआई)। सीमापार दक्षिण एशियाई देश में आतंकवाद को बढ़ावा देने और अफगानिस्तान में अस्थिरता के पीछे पाकिस्तान जिम्मेदार है। लंदन विश्वविद्यालय के सीनेट हाउस में द डेमोक्रेसी फोरम की तरफ से आयोजित एक सेमिनार में एक विशेषज्ञ ने ये बातें कहीं। सेमिनार इस पर आधारित था, 'क्या नई अमेरिकी अफगान नीति क्षेत्रों में सीमापार आतंकवाद को रोकेगी।' सेमिनार में कई विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया जहां उन्होंने अपनी बातें रखीं। उन्होंने आतंकवाद को समर्थन देने के लिए पाकिस्तान का विरोध जताया साथ ही इस्लामाबाद को अमेरिका के लिए एक बड़ा खतरा बताया।
प्रोफेसर थॉमस एच जॉनसन ने अपने वक्तव्य में कहा कि वे पाकिस्तान पर इस्लामाबाद को आतंकवाद प्रायोजित राज्य घोषित करने के लिए दबाव बढ़ाने के पक्ष में हैं और चाहते हैं कि इसके लिए उन्हें दी जा रही सैन्य सहायता में कटौती की जाए। उन्होंने हाल ही में इस्लामाबाद कोर्ट से रिहा हुए मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने आगे कहा कि अफगानिस्तान के मसले को हल करने के लिए पाकिस्तान और भारत दोनों को इसमें शामिल होना पड़ेगा। नई अमेरिकी अफगान नीति को लेकर कहा कि पुरानी नीति सीमापार आतंकवाद को रोकने में कामयाब नहीं हुई लेकिन नई नीति जरुर कारगर सिद्ध होगी।
फ्रांस और कनाडा में अफगानिस्तान के पूर्व राजदूत उमर सामद ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप की दक्षिण एशियाई नीति पाकिस्तान पर आतंकवादियों को आश्रय नहीं देने के लिए दबाव बनाएगी। उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप का इस्लामाबाद को लेकर सार्वजनिक तौर पर निंदा करना और जमीनी स्तर पर अपनी सेना को बढ़ाने का फैसला भी इस नीति का ही प्रमाण है। राजदूत अाजमी ने कहा कि हालांकि अब तक पाकिस्तान के व्यवहार में कुछ बदलाव आए हैं और इसलिए वर्तमान में पाकिस्तान और इरान में सीमापार आतंकी गतिविधियों और खूनखराबे को रोकना अति महत्वपूर्ण है।
बीबीसी वर्ल्ड सर्विस के डॉ. दाऊद अाज़मी ने कहा कि नई अमेरिकी नीति के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि कई पड़ोसी देश विशेष रूप से रूस, ईरान, चीन और पाकिस्तान, अफगानिस्तान में लंबे समय तक अमेरिकी की उपस्थिति के खिलाफ थे। उन्होंने कहा कि बिना इन देशों के समर्थन के इस नीति का सफल होना एक बड़ी चुनौती है। टीडीएफ के अध्यक्ष लॉर्ड ब्रूस ने कहा कि अफगानिस्तान में अस्थिरता को रोकने के लिए अमेरिका को भारत, पाकिस्तान और चीन के बीच तनाव को रोकने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी।
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