अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड बढ़ाते हैं मृत्यु का जोखिम, हृदय रोगियों के लिए बेहद खतरनाक है ऐसा भोजन
बीते कुछ वर्षो से बड़े स्तर पर औद्योगिक प्रसंस्करण द्वारा उत्पादित खाद्य पदार्थो की बाजारों में बाढ़-सी आ गई है। ऐसे खाद्य पदार्थो में आम तौर पर आवश्यक पोषक तत्वों में कमी रहती है जबकि चीनी तेल और नमक की मात्रा काफी ज्यादा रहती है।
लंदन, आइएएनएस। हमारा खानपान यह तय करता है कि हमारा स्वास्थ्य कैसा रहेगा। हम जितना स्वस्थ और अच्छा भोजन ग्रहण करेंगे, हमारा स्वास्थ्य भी उतना अच्छा रहेगा। भाग-दौड़ भरी जिंदगी में प्रोसेस्ड फूड यानी प्रसंस्कृत भोजन का चलन बढ़ रहा है। प्रोसेस्ड फूड से तात्पर्य यह है कि किसी खाद्य पदार्थ को उसके वास्तविक रूप के बजाए किसी दूसरे रूप में ग्रहण करने से है। इस प्रक्रिया में तमाम रसायनों का प्रयोग होने से उसकी गुणवत्ता खराब हो जाती है। इसलिए इसे खाने से लोगों को मोटापा जैसी बीमारियां घेर लेती हैं।
एक नए अध्ययन में भी इस तरह के भोजन को स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक बताया गया है। इससे मृत्यु का जोखिम भी बढ़ता है। इटली के मेडिटेरियन न्यूरोलॉजिकल इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं का कहना है कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड यानी अत्यधिक प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थो का अधिक मात्रा में सेवन मृत्यु के जोखिम को 26 फीसद तक बढ़ा सकता है और हृदय रोगियों के लिए इसका खतरा 58 फीसद तक ज्यादा रहता है।
पोषक तत्वों की रहती है कमी
बीते कुछ वर्षो से बड़े स्तर पर औद्योगिक प्रसंस्करण द्वारा उत्पादित खाद्य पदार्थो की बाजारों में बाढ़-सी आ गई है। ऐसे खाद्य पदार्थो में आम तौर पर आवश्यक पोषक तत्वों में कमी रहती है जबकि चीनी, तेल और नमक की मात्रा काफी ज्यादा रहती है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बिल्कुल ठीक नहीं होता।
ऐसे किया अध्ययन
अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रीशियन में प्रकाशित इस अध्ययन में 22 हजार प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इसमें शोधकर्ताओं ने उनके खानपान की आदत और स्वास्थ्य की स्थिति का विश्लेषण आठ वर्षो तक किया। इस दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग ज्यादा मात्रा अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड का सेवन करते थे, उनमें मृत्यु का जोखिम अन्य के मुकाबले काफी ज्यादा पाया गया। मेडिटेरियन न्यूरोलॉजिकल इंस्टीट्यूट से इस अध्ययन की लेखिका मारियालौरा बोनियासियो ने कहा, 'हमने अंतरराष्ट्रीय नोवा वर्गीकरण का उपयोग किया, जो खाद्य पदार्थो की विशेषता तय करता है कि वे कितने प्रसंस्कृत हुए हैं। औद्योगिक प्रसंस्करण के उच्चतम स्तर वाले खाद्य अल्ट्रा-प्रोसेस्ड पदार्थो की श्रेणी में आते हैं।'
घेर लेती हैं मस्तिष्क और हृदय संबंधी बीमारियां
बोनियासियो ने कहा कि हमारा अध्ययन बताता है कि इन खाद्य पदार्थो को ज्यादा मात्रा में सेवन करने वाले लोगों को हृदय और मस्तिष्क संबंधी बीमारियां घेर लेती हैं और उनकी मृत्यु का खतरा भी बढ़ जाता है। इसमें सबसे बड़ी भूमिका चीनी की होती है। यह जितनी मीठी होती है स्वास्थ्य के लिए उतनी ही खतरनाक भी है। अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड में चीनी की मात्रा काफी ज्यादा होती है। यह चौंकाने वाली बात है कि केवल चीनी मृत्यु के जोखिम को 40 फीसद तक बढ़ाती है।