भारतीय छात्रों को लुभाने के लिए ब्रिटेन में नए वीजा का प्रस्ताव
2010-11 में जहां ब्रिटेन आने वाले भारतीय छात्रों की संख्या 24 हजार थी। वहीं 2015-16 में यह घटकर नौ हजार रह गई।
लंदन, प्रेट्र। ब्रिटेन के शीर्ष विश्वविद्यालयों की प्रतिनिधि संस्था ने विदेशी छात्रों को पढ़ाई के बाद कुछ समय यहां काम करने की इजाजत देने वाले नए वीजा की मांग की है। 2012 में ब्रिटिश सरकार ने पोस्ट-स्टडी वर्क वीजा खत्म कर दिया था। इस वीजा के तहत छात्र स्नातक के बाद दो साल तक यहां काम भी कर सकते थे। इसके निरस्त होने के बाद दुनियाभर के देशों खासकार भारत से यहां आने वाले छात्रों में भारी कमी आई है। 2010-11 में जहां ब्रिटेन आने वाले भारतीय छात्रों की संख्या 24 हजार थी। वहीं 2015-16 में यह घटकर नौ हजार रह गई।
इसी को देखते हुए यूनिवर्सिटीज यूके के इंटरनेशनल पॉलिसी नेटवर्क ने सरकार से नए पोस्ट-स्टडी वीजा की मांग की है। देश के 136 विश्वविद्यालय इससे जुड़े हैं। इंटरनेशनल पॉलिसी नेटवर्क के अध्यक्ष और यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सटर के कुलपति स्टीव स्मिथ ने कहा, 'नया वीजा सिस्टम बनाना बहुत जरूरी है वरना ब्रिटेन विदेशी छात्रों के शीर्ष गंतव्य का अपना स्थान गंवा देगा।'
संस्था ने फिलहाल एक अस्थायी ग्लोबल ग्रेजुएट वीजा का प्रस्ताव दिया है। इसके तहत योग्य विदेशी छात्र स्नातक के बाद दो साल तक ब्रिटेन में काम कर सकते हैं। हाल में लंदन के मेयर सादिक खान ने भी गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर इस समस्या से अवगत कराया था।