ब्रिटिश वीजा प्रणाली में हो रहा बीते चार दशक का सबसे बड़ा बदलाव, भारतीयों को होगा लाभ
यदि ब्रेग्जिट की सभी प्रक्रियाएं पूरी हो जाती हैं, तो ये प्रस्ताव साल 2021 से लागू होंगे। इन प्रस्तावों से भारतीय पेशेवरों को लाभ मिलने की संभावना है।
लंदन, एजेंसी। ब्रिटिश वीजा प्रणाली में बीते 40 साल का सबसे बड़ा बदलाव होने जा रहा है। भारतीय पेशेवरों को इसका काफी लाभ होगा। दरअसल, ब्रेग्जिट के बाद ब्रिटेन वीजा के मामले में भारत या अन्य किसी देश के नागरिकों को यूरोपीय संघ के 27 सदस्य देशों के नागरिकों के समान ही मानेगा। ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे सरकार ने बुधवार को यह घोषणा की, जिसके बाद भारतीय पेशेवरों में खुशी की लहर दौड़ गई है।
हर साल हजारों भारतीय पेशेवर नियम की वजह से ब्रिटेन नहीं जा पाते हैं। लेकिन अब वीजा नियमों में बदलाव के बाद ब्रिटेन में और ज्यादा भारतीय पेशेवरों को काम मिल पाएगा। इसे ब्रिटिश वीजा प्रणाली में बीते चार दशक का सबसे बड़ा बदलाव माना जा रहा है। गृह सचिव साजिद जाविद ने एक श्वेत पत्र का एलान किया, जिसमें कुशल प्रवासियों के लिए एक नया वीजा मार्ग और कार्य परमिट के लिए सालाना 20,700 की सीमा खत्म करने के प्रस्ताव हैं।
यदि ब्रेग्जिट की सभी प्रक्रियाएं पूरी हो जाती हैं, तो ये प्रस्ताव साल 2021 से लागू होंगे। इन प्रस्तावों से भारतीय पेशेवरों को लाभ मिलने की संभावना है। बता दें कि ब्रेग्जिट के बाद यूरोपीय संघ के पेशेवरों ओर कम कुशल कर्मियों को ब्रिटेन आकर काम करने का स्वचालित अधिकार नहीं होगा। फिलहाल यूरोपीय संघ के नागरिकों को यह सुविधा हासिल है।
जाविद ने कहा, किसी संभावित प्रवासी के मूल देश की बजाय उसके कौशल पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। आव्रजन हमारे देश के लिए अच्छा है। इसने हमें मजबूती प्रदान की है। मैं खुद दूसरी पीढ़ी का एक प्रवासी हूं। अपने माता-पिता जैसे लोगों को देखकर मैं समझ सकता हूं कि उन्होंने इस देश की किस तरह मदद की है। गृह सचिव ने कहा कि यूरोपीय संघ के नागरिकों को ब्रिटेन आने-जाने की निर्बाध सुविधा 29 मार्च 201 9 को खत्म हो जाएगी। ब्रेग्जिट को लेकर समझौता हो या न हो, यह सुविधा खत्म हो जाएगी।