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भारतीय छात्रों को आकर्षित करने के लिए ब्रिटेन में चार वर्ष के वीजा की सिफारिश

ब्रिटेन में भारतीय छात्रों को अपने यहां आकर्षित करने के लिए सरकार से अध्ययन वीजा के बाद की अवधि को दोगुनी करते हुए चार वर्ष करने की सिफारिश की गई है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 15 Jun 2020 11:33 PM (IST)Updated: Mon, 15 Jun 2020 11:33 PM (IST)
भारतीय छात्रों को आकर्षित करने के लिए ब्रिटेन में चार वर्ष के वीजा की सिफारिश
भारतीय छात्रों को आकर्षित करने के लिए ब्रिटेन में चार वर्ष के वीजा की सिफारिश

लंदन, पीटीआइ। ब्रिटेन में भारतीय छात्रों को अपने यहां अध्ययन के लिए अधिक से अधिक आकर्षित करने के लिए सरकार से अध्ययन वीजा के बाद की अवधि को दोगुनी करते हुए चार वर्ष करने की सिफारिश की गई है। यह सिफारिश सोमवार को लंदन में जारी उस रिपोर्ट में की गई है जिसमें कहा गया है कि अगर इसे मान लिया जाता है तो 2024 तक ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों में भारतीय छात्रों की संख्या करीब दोगुनी हो जाएगी।

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'यूनिवर्सिटीज ओपेन टू द व‌र्ल्ड : हाउ टू पुट द बाउंस बैक इन ग्लोबल ब्रिटेन' शीर्षक से जारी यह रिपोर्ट हार्वर्ड केनेडी स्कूल तथा किंग्स कॉलेज लंदन के नीति संस्थान के लिए देश के पूर्व विश्वविद्यालय मंत्री जो जॉनसन द्वारा तैयार की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना महामारी के कारण देश में विदेशी छात्रों की संख्या में 50-75 फीसद तक गिरावट हो सकती है। यह देश के उच्च शिक्षा के लिए एक गंभीर खतरा होगा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि डिग्री लेने के बाद कार्य करने के अवसर की क्षमता में विस्तार देने से चीन की तरह भारतीय छात्रों को भी आकर्षित करने में मदद मिलेगी। भारत के लिए तो यह एक गेम चेंजर जैसा साबित होगा। जो जॉनसन ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के छोटे भाई हैं। कंजरवेटिव पार्टी से संसद के सदस्य रहे जो ने गत वर्ष राजनीति से इस्तीफा दे दिया था। वह कनाडा तथा आस्ट्रेलिया जैसे देशों की तरह ब्रिटेन में भी विदेशी छात्रों को अध्ययन के लिए अधिक से अधिक आकर्षित करने के पक्षधर रहे हैं।

हाल ही में अमेरिकी सांसदों के एक द्विदलीय समूह ने अमेरिकी कांग्रेस यानी संसद के दोनों सदनों में एक ऐसा विधेयक पेश किया था जो एच-1बी वर्क वीजा में प्रमुख सुधारों से जुड़ा था। विधेयक में वीजा देते समय ऐसे प्रतिभाशाली युवाओं को प्राथमिकता देने को कहा गया है, जो अमेरिकी संस्थानों से पढ़े हों। बता दें कि भारत और चीन जैसे देशों से हर साल हजारों कर्मचारियों को नौकरी पर रखने के लिए अमेरिकी कंपनियां इस वीजा सुविधा का उपयोग करती हैं। 


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