न्यूजीलैंड में हमले के बाद ब्रिटेन लाएगा आपॅत्तिजनक ऑनलाइन के खिलाफ कड़ा कानून
इंटरनेट पर हिंसक अतिवादी सामग्री झूठी सामग्री और बच्चों के लिए हानिकारक सामग्री के प्रसार पर रोक लगाने के लिए ब्रिटिश सरकार नया कानून लाने जा रही है।
लंदन, एजेंसी। इंटरनेट पर हिंसक, अतिवादी सामग्री, झूठी सामग्री और बच्चों के लिए हानिकारक सामग्री के प्रसार पर रोक लगाने के लिए ब्रिटिश सरकार नया कानून लाने जा रही है। सोमवार को इस प्रस्ताव की घोषणा की गई। यह आक्रामक ऑनलाइन सामग्री पर लगाम लगाने के लिए दुनिया की सबसे आक्रामक कार्रवाइयों में से एक होगा।इन सिफारिशों को पीएम थेरीसा मे का समर्थन हासिल है।
इसके तहत फेसबुक, गूगल और अन्य बड़े इंटरनेट प्लेटफार्म को निशाने पर लिया गया है। इस कानून के नीति निर्माताओं का मानना है कि इंटरनेट की हानिकारक सामग्री को रोकने की जगह उसे आगे बढ़ाने और मुनाफे को प्राथमिकता दी गई है।
सरकार ने जुर्माना जारी करने की शक्ति के साथ एक इंटरनेट रेगुलेटर बनाया है। यदि आवश्यक हो तो रेगुलेटर वेबसाइटों तक पहुंच को रोके और व्यक्तिगत अधिकारियों को अपने प्लेटफार्मों पर फैलने वाली हानिकारक सामग्री के लिए कानूनी रूप से उत्तरदायी बनाए।
इस मामले में यूरोपीय संघ संसदीय समिति ने एक विधेयक को मंजूरी दे दी, जिससे इंटरनेट कंपनियों को आतंकवाद से जुड़ी सामग्री हटाने या जुर्माने का सामना करने का प्रावधान है। इन पर अरबों डॉलर/पाउंड तक का जुर्माना लग सकता है। ब्रिटेन के गृह सचिव साजिद जावेद ने बताया कि हम इन कंपनियों को हमेशा के लिए अपने काम को ठीक करने के लिए मजबूर कर रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया ने पिछले सप्ताह सोशल मीडिया प्लेटफार्म द्वारा 'वीभत्स हिंसक सामग्री' तुरंत नहीं हटाने को अपराध बना दिया। ब्रिटिश योजना से फेसबुक और टि्वटर जैसी कंपनियों को इन साइटों का इस्तेमाल करने वाले लोगों को 'हानिकारक सामग्री' से बचाने की जरूरत होगी। दूसरी ओर, कनाडा सरकार ने सोमवार को फेसबुक के कट्टर दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं पर प्रतिबंध लगाने के फैसले की प्रशंसा की।
फेसबुक ने न्यूजीलैंड हमले के बाद नफरत फैलाने वाले समूहों की जांच के लिए नए कदम उठाए हैं। गौरतलब है कि फेसबुक ने सोमवार को फेथ गोल्डी, केविन गोउड्रयू समेत प्रमुख नागरिकों और कई अन्य समूहों को प्रतिबंधित कर दिया। इन सभी को श्वेत नस्लवादी बताया गया है।