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भारत के साथ व्यापार के लिए सस्ता व सुगम वीजा की योजना बना रहा ब्रिटेन, इसी महीने इंडिया आ सकती हैं ब्रिटिश मंत्री ट्रेवेलियन

द टाइम्स अखबार की रिपोर्ट के अनुसार ट्रेवेलियन इस यात्रा के दौरान भारतीयों के लिए इमिग्रेशन नियमों में ढील देने की संभावना पर चर्चा कर सकती हैं। यह लंबे समय से भारतीयों की प्रमुख मांग रही है। ट्रेवेलियन को इस मामले में विदेश मंत्री लिज ट्रस का समर्थन हासिल है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Sat, 01 Jan 2022 10:29 PM (IST)Updated: Sat, 01 Jan 2022 10:29 PM (IST)
भारत के साथ व्यापार के लिए सस्ता व सुगम वीजा की योजना बना रहा ब्रिटेन, इसी महीने इंडिया आ सकती हैं ब्रिटिश मंत्री ट्रेवेलियन
भारतीयों के लिए सस्ता व सुगम वीजा की पेशकश का विचार (फाइल फोटो)

लंदन, प्रेट्र। भारत के साथ व्यापार समझौते के उद्देश्य से ब्रिटेन भारतीय पर्यटकों, छात्रों व पेशेवरों के लिए इमिग्रेशन नियमों में ढील देने की योजना बना रहा है। इसके तहत भारतीयों के लिए सस्ता व सुगम वीजा की पेशकश का विचार है। ब्रिटेन की अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री ऐनी-मेरी ट्रेवेलियन इसी महीने भारत की यात्रा कर सकती हैं। उसी समय दोनों देशों के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर औपचारिक बातचीत शुरू होने की संभावना है।

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द टाइम्स अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रेवेलियन इस यात्रा के दौरान भारतीयों के लिए इमिग्रेशन नियमों में ढील देने की संभावना पर चर्चा कर सकती हैं। यह लंबे समय से भारतीयों की प्रमुख मांग रही है। ट्रेवेलियन को इस मामले में विदेश मंत्री लिज ट्रस का समर्थन हासिल है। ट्रस ने चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए भारत के साथ घनिष्ठ संबंधों को सरकार के एजेंडे में शीर्ष पर रखा है। बताया जाता है कि गृह मंत्री प्रीति पटेल इस कदम का विरोध कर रही हैं।

दोनों देशों के बीच 'बेस्पोक' और पारस्परिक प्रवासन पर हुए थे हस्ताक्षर

पिछले साल मई में पटेल ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ एक 'बेस्पोक' और पारस्परिक प्रवासन व गतिशीलता भागीदारी (एमएमपी) पर हस्ताक्षर किए थे। इसके तहत दोनों देशों के लगभग 3,000 छात्रों और पेशेवरों को एक-दूसरे के यहां एक साल के कार्य अनुभव का लाभ मिल सकेगा। एमएमपी के तहत दोनों पक्ष नई प्रणाली को लागू करने के लिए अप्रैल, 2022 की समयसीमा की दिशा में काम करने पर सहमत हैं। इस पर काम भी चल रहा है।

हालांकि, आगे की इमिग्रेशन योजनाओं के तहत एक ऐसे विकल्प पर विचार किया जा रहा है जो आस्ट्रेलिया के साथ ब्रिटेन के एफटीए का हिस्सा है। इसके तहत युवा भारतीयों को ब्रिटेन में तीन साल के लिए काम करने का मौका मिल सकता है। एक अन्य विकल्प छात्रों, पर्यटकों व कारोबारियों के वीजा शुल्क में कटौती का भी है। फिलहाल भारतीयों को कार्य वीजा के लिए 1,400 पाउंड (करीब 1.41 लाख रुपये) व छात्रों तथा पर्यटकों के लिए 348 पाउंड (करीब 35 हजार रुपये) का भुगतान करना पड़ता है।


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