ब्रिटेन की संसद में दूसरी बार औंधे मुंह गिरा ब्रेक्जिट समझौता, EU से अलग होगा UK
सदन के इस फैसले के बाद अब यह संभावना प्रबल हो गई है कि ब्रिटेन यूरापीय संघ (इयू) से बिना किसी समझौते के ही अलग होगा।
ब्रसेल्स [ एजेंसी ]। ब्रिटेन की संसद ने दूसरी बार बेक्जिट समझौते को खारिज कर दिया है। संसद के निचले सदन यानी हाउस ऑफ कामन्स में ब्रितानी सांसदों ने यूरोपीय संघ से बिना किसी समझौते से बाहर निकलने के प्रस्ताव को 308 के मुकाबले 312 वोटों से ख़ारिज कर दिया है। सदन के इस फैसले के बाद अब यह संभावना प्रबल हो गई है कि ब्रिटेन यूरापीय संघ (इयू) से बिना किसी समझौते के ही अलग होगा। उधर, सदन में समझौता खारिज होने के बाद यूरोपीय संघ ने इस परिणाम पर खेद जताया है।
हालांकि, ब्रिटिश संसद ने यूरोपीय संघ से बिना किसी समझौते से बाहर निकलने के प्रस्ताव खारिज किए जाने का फैसला कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं है। इसका तात्पर्य यह नहीं है कि ब्रिटेन यूरोपीय संघ से बाहर नहीं निकलेगा। अब इस पर मतदान गुरुवार को होगा कि बेक्जिट को टाला जाए या नहीं। अगर ब्रेक्जिट को टालने का प्रस्ताव पारित हो गया और यूरोपीय संघ भी इसके लिए तैयार हो जाता है तो ब्रिटेन निर्धारित 29 मार्च को यूरोपीय संघ से बाहर नहीं जाएगा।
UK Parliament rejects no-deal Brexit
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— ANI Digital (@ani_digital) March 13, 2019
बता दें कि अगर ब्रिटेन की संसद ब्रेक्जिट समझौते को मंजूर करने में विफल रहती है और यूरोपीय संघ इस पर अधिक समय देने के लिए राजी नहीं होता तो ब्रिटेन 29 मार्च को यूरोपीय संघ से बिना किसी समझौते के बाहर हो जाएगा। हालांकि, यह संकेत है कि यूरोपीय संघ ब्रिटेन का और अधिक समय देने पर विचार कर सकता है।
उधर, यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क ने इन परिणामों पर खेद जताया है। लेकिन ब्रसेल्स की तरफ से उन्होंने चेताया है कि इससे कुछ कर पाना बहुत मुश्किल होगा। यूरोपीय संघ की प्रमुख बेक्जिट वार्ताकार मिशेल बार्नियर ने कहा है कि ब्रसेल्स इससे ज्यादा कुछ नहीं कर सकता। यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष जीन क्लाउड जंकर के हवाले से कहा गया है अब इस समस्या का हल लंदन से ही निकलेगा।
ब्रिटिश ससंद में ब्रेक्जिट पर ऐतिहासिक मतदान के पूर्व यूरोपीय कमीशन के अध्यक्ष ज्यां क्लाउड जंकर ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि यह समझौता सदन से पास नहीं होता तो तीसरा मौका नहीं दिया जाएगा। बता दें कि ब्रेक्जिट से निकलने के लिए 29 मार्च की तारिख निर्धारित की गई है। सदन में यह प्रस्ताव लाए जाने के पूर्व स्ट्रासबर्ग में लंबी बैठक के बाद ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने कहा था कि इस समझौते के सभी पहलुओं की जाचं कर ली गई है।
उन्होंने सांसदों से अपील की थी आप लोग इस समझौते के पक्ष में वोट दें। लेबर पार्टी के नेता जेरेमी काबिन ने कहा है कि प्रधानमंत्री की समझौते को लेकर हुई वर्ता विफल रही थी। ब्रिटिश प्रधानमंत्री मंगलवार को समझौते पर मतदान से पहले उन्हाेंने खुद सदन में बहस की शुरुआत की थी। बता दें कि पहली बार ब्रेक्जिट समझौते पर 15 जनवरी में संसद में मतदान के लिए रखा गया था, लेकिन यह प्रस्ताव सदन में 230 वोटों के अंतर से गिर गया था। गौरतलब है कि इयू 28 देशों का एक शक्तिशाली समूह है, जिसमें फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन जैसे देश आर्थिक और राजनीतिक रूप से जुडे़ हुए हैं।