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नहीं मिली नीरव मोदी को राहत, लंदन कोर्ट ने चौथी बार खारिज की जमानत याचिका

देश से करोड़ों रूपये लेकर भागे भगोड़े नीरव मोदी की जमानत याचिका चौथी बार खारिज हो गई है। लंदन के रॉयल कोर्ट्स ऑफ जस्टिस में फैसला सुनाएगा।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Wed, 12 Jun 2019 08:49 AM (IST)Updated: Wed, 12 Jun 2019 03:58 PM (IST)
नहीं मिली नीरव मोदी को राहत, लंदन कोर्ट ने चौथी बार खारिज की जमानत याचिका
नहीं मिली नीरव मोदी को राहत, लंदन कोर्ट ने चौथी बार खारिज की जमानत याचिका

लंदन, प्रेट्र/एएनआइ। ब्रिटेन के हाईकोर्ट 'रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस' ने बुधवार को दो अरब डॉलर के पीएनबी घोटाले के आरोपित भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। मोदी का जमानत लेने का यह चौथा नाकाम प्रयास था। इससे पहले निचली अदालत वेस्ट मिनिस्टर मेजिस्ट्रेट्स कोर्ट ने तीन बार उसकी जमानत याचिका खारिज की है।

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ब्रिटेन के हाईकोर्ट यानी लंदन स्थित 'रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस' की जज एनग्रिड सिमलर ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि इस बात के ठोस आधार हैं कि 48 वर्षीय भगोड़ा हीरा कारोबारी सरेंडर नहीं करेगा क्योंकि उसकी मंशा भाग जाने की है। जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान ब्रिटेन की निचली अदालत जैसे ही चिंता जताते हुए जज सिमलर ने फैसला सुनाया कि सभी बातों पर ध्यानपूर्वक गौर करते हुए उन्हें इस बात के पुख्ता सुबूत मिले हैं जो बताते हैं कि नीरव मोदी पहले भी गवाहों पर दबाव डाल चुका है।

इस मामले में सुबूतों को नष्ट करने के प्रयास कर चुका है। और यह बातें आगे भी हो सकती हैं। जज ने कहा कि याचिकाकर्ता के पास पुख्ता वित्तीय संसाधन हैं। इसके दम पर वह जमानत बांड 20 लाख पौंड तक जमा करने की पेशकश कर चुका है। उल्लेखनीय है कि भगोड़े नीरव मोदी को स्कॉटलैंड यार्ड (पुलिस) ने इसी साल 19 मार्च को लंदन से गिरफ्तार किया था। ऐसा भारत सरकार के प्रयासों के चलते हुए ताकि उसके खिलाफ भारत में प्रत्यर्पण को लेकर ब्रिटेन की अदालत में फैसला हो सके।

जज एनग्रिड सिमलर ने नीरव मोदी के वकील की उस दलील को भी खारिज किया जिसमें उसने दावा किया था कि मोदी के ब्रिटेन छोड़कर भागने का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि ब्रिटेन न्याय के लिहाज से एक सुरक्षित जगह है। जज साहिबा ने कहा कि मुझे इस फैसले में यह मानना मुश्किल लग रहा है कि ब्रिटेन उसके लिए सुरक्षित कैसे है, जब उसके खिलाफ यहां कोई मामला है ही नहीं। दुनिया में ऐसे कई जगहें हैं जहां भारतीय जांच एजेंसियों की जद से बचने के लिए जाया जा सकता है।

जज ने कहा कि यह अंदाजा लगाना मुश्किल है कि नीरव मोदी प्रत्यर्पण प्रक्रिया के नए घटनाक्रम से कैसे निपटेगा। जबकि उसने भारत वापसी से बचने के लिए कोर्ट में सरेंडर करने के बजाय एक मोटी रिश्वत की पेशकश की थी। नीरव मोदी को चौथी जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए कोर्ट के समक्ष पेश नहीं किया गया। बल्कि उसे लंदन स्थित वांड्सवर्थ जेल में ही रखा गया है। उसे अगली रिमांड की सुनवाई के लिए वीडियो लिंक के जरिए 27 जून को कोर्ट के समक्ष पेश किया जाएगा।

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